Site icon hindi.revoi.in

सुप्रीम कोर्ट की 75वीं वर्षगांठ पर पीएम मोदी ने कहा – सर्वोच्च न्यायालय ने सदैव राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखा

Social Share
FacebookXLinkedinInstagramTelegramWhatsapp

नई दिल्ली, 31 अगस्त। सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसईसीआई ) को भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने नवरत्न का दर्जा दिया है। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने एक बयान में यह जानकारी दी। बता दें कि नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के तहत एसईसीआई एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम (सीपीएसई) है।

मंत्रालय के मुताबिक एसईसीआई एक अग्रणी सीपीएसई है जो भारत में नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) क्षमता के विकास और विस्तार के लिए समर्पित है, जिसमें 69.25 गीगावॉट उत्पादन की क्षमता है। यह प्रतिवर्ष 42 बिलियन यूनिट से ऊपर की व्यापार करती है तथा जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने और सतत विकास के लिए प्रयास करने की दिशा में लगातार काम कर रही है।मंत्रालय के मुताबिक कंपनी ने पिछले वर्ष की तुलना में 20.85 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए 13,118.68 करोड़ रुपये का वार्षिक कारोबार और वित्तीय वर्ष 2023-24 में 34.89 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए कर के पश्चात 510.92 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया है।

पीएम मोदी ने कहा, “आज महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, बच्चों की सुरक्षा, समाज की गंभीर चिंता है। देश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई कठोर कानून बने हैं, लेकिन हमें इसे और सक्रिय करने की जरूरत है। महिला अत्याचार से जुड़े मामलों में जितनी तेजी से फैसले आएंगे, आधी आबादी को सुरक्षा का उतना ही बड़ा भरोसा मिलेगा।”

उन्होंने कहा,” न्याय में देरी को खत्म करने के लिए बीते एक दशक में कई स्तर पर काम हुए हैं। पिछले 10 वर्षों में देश ने न्यायिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए लगभग आठ हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं। पिछले 25 साल में जितनी राशि न्यायिक बुनियादी ढांचा पर खर्च की गई, उसका 75 प्रतिशत पिछले 10 वर्ष में ही हुआ है।”

पीएम मोदी ने कहा, “हमारे लोकतंत्र में न्यायपालिका संविधान की संरक्षक मानी गई है। यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। हम संतोष के साथ कह सकते हैं कि हमारी सुप्रीम कोर्ट, हमारी न्यायपालिका ने इस जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन का प्रयास किया है। आजादी के बाद न्यायपालिका ने न्याय की भावना की रक्षा की। जब-जब देश की सुरक्षा का प्रश्न आया तब न्यायपालिका ने राष्ट्रहित सर्वोपरि रखकर एकता की रक्षा की। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृतकाल में 140 करोड़ देशवासियों का एक ही सपना है- विकसित भारत, नया भारत। नया भारत यानी- सोच और संकल्प से एक आधुनिक भारत। हमारी न्यायपालिका इस विजन का मजबूत स्तम्भ है।”

 

Exit mobile version