मुंबई, 18 दिसम्बर। अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीनी सेनाओं के बीच हुई झड़प के बाद दोनों के बीच उपजे नए तनाव के दौरान स्वदेश निर्मित मिसाइल विध्वंसक ‘आईएनएस मोर्मुगाओ’ को रविवार को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। ‘आईएनएस मोर्मूगाओ’ को सेना में शामिल किए जाने के लिए मुंबई में आयोजित कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भी उपस्थित थे।
रक्षा मंत्री राजनाथ बोले – भारत की समुद्री ताकत मजबूत होगी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर कहा कि युद्धपोत को शामिल किए जाने से भारत की समुद्री ताकत मजबूत होगी। उन्होंने ‘आईएनएस मोर्मुगाओ’ को प्रौद्योगिकी आधार पर सबसे उन्नत युद्धपोत करार देते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की पांच शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है और विशेषज्ञों के अनुसार, यह 2027 में शीर्ष तीन में शामिल हो जाएगी।
क्या हैं इस युद्धपोत की खुबियां
नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने कहा कि युद्धपोत को गोवा मुक्ति दिवस की पूर्व संध्या पर नौसेना में शामिल किया जाना पिछले एक दशक में युद्धपोत डिजाइन और निर्माण क्षमता में हुई बड़ी प्रगति की ओर इशारा करता है। भारतीय नौसेना के अनुसार, यह युद्धपोत दूरसंवेदी उपकरणों, आधुनिक रडार और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल जैसी हथियार प्रणालियों से लैस है।
INS Mormugao (D67), 2nd warship of P15B class of stealth guided-missile destroyers, commissioned in august presence of Raksha Mantri Shri @rajnathsingh at Naval Dockyard, Mumbai today.
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गोवा के बंदरगाह शहर के नाम पर मोर्मुगाओ का नामकरण
नौसेना ने बताया कि इस युद्धपोत की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर तथा वजन 7,400 टन है। इसे भारत द्वारा निर्मित सबसे घातक युद्धपोतों में गिना जा सकता है। पश्चिमी तट पर स्थित ऐतिहासिक गोवा बंदरगाह शहर के नाम पर मोर्मुगाओ नाम रखा गया है।
भारतीय नौसेना के स्वदेशी संगठन ने डिजाइन किया है
संयोग से यह पोत पहली बार 19 दिसम्बर, 2021 को समुद्र में उतरा था, जिस दिन पुर्तगाली शासन से गोवा की मुक्ति के 60 वर्ष पूरे हुए थे। मोर्मुगाओ ‘विशाखापत्तनम’ श्रेणी के चार विध्वंसकों में से दूसरा विध्वंसक है। इसका डिजाइन भारतीय नौसेना के स्वदेशी संगठन ने तैयार किया है तथा निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने किया है।