नई दिल्ली, 25 अगस्त। भारत सरकार ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि वह अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेना में गोरखा सैनिकों की भर्ती जारी रखेगी। अग्निपथ योजना को लेकर लेकिन नेपाल सरकार में उपजी असमंजस की स्थिति के कारण विदेश मंत्रालत्र को यह स्पष्टीकरण देना पड़ा।
बुटवल व धरान में नेपाली गोरखाओं की भर्ती रैली स्थगित
दरअसल, नेपाल के बुटवल में 25 अगस्त से 7 सितम्बर तक और धरान में 19 से 28 सितम्बर तक भारतीय सेना के लिए नेपाली गोरखाओं के लिए भर्ती रैली होनी थी। लेकिन नेपाल सरकार की अग्निपथ योजना को लेकर असमंजस के कारण यह भर्ती टालनी पड़ी। नेपाल सरकार के रूख को देखते हुए ये सवाल उठने लगे थे कि आने वाले समय में भारतीय सेना में नेपाली गोरखा युवाओं की भर्ती होगी या नहीं।
अरिंदम बागची बोले – ‘सेना में हम गोरखा सैनिकों की भर्ती जारी रखने के लिए तत्पर‘
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा, ‘हम लंबे समय से भारतीय सेना में गोरखा सैनिकों की भर्ती कर रहे हैं और आगे भी अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेना में गोरखा सैनिकों की भर्ती जारी रखने के लिए तत्पर हैं।’
भारत सरकार ने इसी वर्ष गत 14 जून को एक अहम घोषणा करते हुए अग्निपथ योजना के बारे में बताया था। इसके अनुसार 17 से 21 साल के युवाओं को अग्निवीर के रूप में केवल 4 साल के लिए चुना जाएगा। बाद में इन युवाओं में से 25 प्रतिशत को प्रदर्शन के आधार पर नियमित किया जाएगा।
नेपाल सरकार ने बीते दिनों जताई थी चिंता
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के विदेश मामलों के सलाहकार अरुण कुमार सुबेदी ने अग्निपथ योजना पर चिंता जताते हुए कहा था, ‘हमारी चिंता है कि चार वर्षों तक भारतीय सेना में रहने के बाद जो नौजवान वापस आएंगे, वे क्या करेंगे? उनके पास फौज की आधुनिक ट्रेनिंग होगी और ऐसे में इस बात की आशंका है कि उनकी ट्रेनिंग का कोई दुरुपयोग न कर ले।’
बांग्लादेशी पीएम शेख हसीना की भारत यात्रा और रोहिंग्याओं के मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं
इस बीच सितम्बर की शुरुआत में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की भारत यात्रा और रोहिंग्याओं के मुद्दे पर अरिंदम बागची ने कहा, ‘मुझे उस पर कुछ नहीं कहना है, मेरे पास उस पर कोई अपडेट नहीं है। रोहिंग्याओं के बारे में गृह मंत्रालय ने एक विस्तृत प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी। इस समय हमारे पास उसमें जोड़ने के लिए और कुछ नहीं है।’ बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की आगामी भारत यात्रा के दौरान उनके एजेंडे में रोहिंग्याओं की स्वदेश वापसी को शामिल किए जाने की संभावना है।