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मेलबर्न टेस्ट : पटरी पर लौटी टीम इंडिया, नीतीश रेड्डी ने जड़ा पहला टेस्ट शतक, ऑस्ट्रेल‍िया से 116 रन पीछे भारत

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मेलबर्न, 28 दिसम्बर। नीतीश कुमार रेड्डी के पहले टेस्ट शतक (नाबाद 105 रन, 176 गेंद, एक छक्का, 10 चौके) व वॉशिंगटन सुंदर (50 रन, 162 गेंद, एक चौका) के साथ आठवें विकेट पर उनकी 127 रनों की बहुमूल्य भागीदारी की मदद से भारत ने  यहां मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) पर ऑस्ट्रेलिया के साथ खेले जा रहे चौथे टेस्ट के तीसरे दिन फॉलोआन बचाने के साथ संघर्षपूर्ण वापसी की।

खराब रोशनी के कारण खेल जल्दी समाप्त किए जाने तक मेहमानों ने नौ विकेट खोकर 358 रन बनाए थे। टीम इंडिया हालांकि ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी के 474 रनो के सकोर से अब भी 116 रन पीछे है। स्टंप्स के वक्त रेड्डी के साथ मोहम्मद सिराज दो रन बनाकर खेल रहे थे। ऑस्ट्रेलिया के लिए पैट कमिंस और स्कॉट बोलैंड ने तीन-तीन विकेट लिए।

नीतीश-सुंदर की जोड़ी ने भारत को संघर्ष की पटरी पर उतारा

देखा जाए तो नीतीश कुमार रेड्डी और वशिंगटन सुंदर की कठिन समय में खेली गयी बेहतरीन पारियों की बदौलत ही भारत संघर्ष के ट्रैक पर लौट सका। अन्यथा पिछली शाम के स्कोर 5-164 से आगे बढ़े बल्लेबाज ऋषभ पंत (28 रन, 37 गेंद, तीन चौके) व रवींद्र जडेजा (17 रन, 51 गेंद, तीन चौके) जब लंच (7-244) के पहले ही लौट गए तो टीम का स्कोर सात विकेट पर 221 रन ही था। उस समय भारत को फॉलोऑन से बचने के लिए 54 रनों की दरकार थी। लेकिन नीतीश व सुंदर ने चायकाल तक अन्य कोई क्षति नहीं होने दी और स्कोर शतकीय भागीदारी से स्कोर 326 तक पहुंचा दिया।

भारत को दिन का पहला झटका खेल के तीसरे ओवर में लगा जब ऋषभ पंत को स्कॉट बोलेंड की गेद पर लियोन ने लपक लिया। अंपायर ने हालांकि ऋषभ को संदेह का लाभ दिया, मगर ऑस्ट्रेलिया द्वारा लिए गए  रिव्यू को अम्पायर को स्वीकार करना पड़ा। दूसरे छोर पर रवींद्र जडेजा ने कुछ ओवर तक संघर्ष किया, मगर वह भी नैथन लियोन की गेंद पर पगबाधा करार दिए गए। इस बार भारत ने मैदानी अम्पायर के फैसले को चुनौती दी, लेकिन रिव्यू के जरिये उसे नकार दिया गया। बाद में क्रीज पर पहले से जमे नीतीश का साथ देने वॉशिंगटन सुंदर आए और दोनो बल्लेबाजों ने भोजनावकाश और चायकाल तक का समय बगैर नुकसान के निकाल दिया।

स्कोर कार्ड

इस बीच नीतीश ने 81 गेंदों पर चार चौके और एक छक्के की मदद से अपना अर्धशतक पूरा कर लिया। वहीं ऑस्ट्रेलिया ने खतरनाक जोड़ी को तोड़ने के लिये गेंदबाजों को बदल बदल कर कई प्रयाेग किये और 80 ओवर के बाद नई गेंद से भी दोनो को डराने की कोशिश की, लेकिन उसके सारे प्रयास विफल साबित हुए। चायकाल तक भारतीय पारी के 97 ओवर पूरे हो चुके थे।

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