नई दिल्ली, 18 मई। सुप्रीम कोर्ट ने धनशोधन मामले में दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा। इसके साथ ही न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने ईडी को नोटिस जारी करते हुए जैन को राहत के लिए शीर्ष अदालत की अवकाशकालीन पीठ में जाने की छूट दे दी।
शीर्ष अदालत ने जमानत अर्जी पर ईडी से मांगा जवाब
सत्येंद्र जैन की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने दलील दी कि पूर्व मंत्री का वजन 35 किलोग्राम घट गया है, वह कंकाल जैसे दिखाई देने लगे हैं और वह कई तरह की बीमारियों से पीड़ित हैं।
जैन को राहत के लिए शीर्ष अदालत की अवकाशकालीन पीठ में जाने की छूट
वहीं, ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने याचिका का विरोध किया। पीठ ने कोई विशिष्ट तारीख नहीं दी, लेकिन इतना जरूर कहा कि जैन राहत के लिए शीर्ष अदालत की अवकाशकालीन पीठ से संपर्क कर सकते हैं।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 6 अप्रैल को खारिज की थी जमानत याचिका
गौरतलब है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने धनशोधन मामले में जैन की जमानत याचिका छह अप्रैल को खारिज कर दी थी। अदालत ने गवाहों के इस दावे को संज्ञान में लिया था कि जैन कथित अपराध के मुख्य साजिशकर्ता और वित्त पोषक थे।
उच्च न्यायालय ने कहा था कि आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता जैन एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं, जो सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने में सक्षम हैं। ईडी ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा 2017 में भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत जैन के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर उन्हें धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया था।
निचली अदालत ने सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में जैन को छह सितम्बर, 2019 को नियमित जमानत दे दी थी। वर्ष 2022 में निचली अदालत ने ईडी द्वारा जैन, उनकी पत्नी और चार फर्मों सहित आठ अन्य के खिलाफ धनशोधन मामले में दायर आरोप पत्र का संज्ञान लिया था।