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चारा घोटाला : लालू प्रसाद यादव को डोरंडा केस में भी मिली जमानत

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रांची, 22 अप्रैल। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मुखिया लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले से जुड़े डोरंडा ट्रेजरी मामले में भी जमानत मिल गई है। 1990 से 1995 के बीच डोरंडा कोषागार से की गई 139 करोड़ रुपये की निकासी के मामले में लगभग 27 वर्षों बाद कोर्ट ने गत फरवरी में लालू यादव को दोषी करार दिया था और उन्हें पांच साल कारावास की सजा सुनाई थी।

चारा घोटाले से जुड़े 53 मुकदमों में डोरंडा कोषागार मामला सबसे बड़ा

गौरतलब है कि सीबीआई ने 1996 में अलग-अलग कोषागारों से गलत ढंग से अलग-अलग राशियों की निकासी को लेकर 53 मुकदमे दर्ज किए थे। करोड़ों की राशि को संदिग्‍ध रूप से पशुओं और उनके चारे पर खर्च होना बताया गया था। इन घोटालों में डोरंडा कोषागार का मामला सबसे बड़ा था, जिसमें सर्वाधिक 170 आरोपित शामिल हैं। इनमें 55 आरोपितों की मौत हो चुकी है।

अन्य 4 मामलों में भी लालू को हो चुकी है सजा

चारा घोटाले से जुड़े चार अन्य मामलों में लालू यादव को पहले ही सजा मिल चुकी है। चाईबासा कोषागार से 37.7 करोड़ के अवैध निकासी में लालू जमानत पर हैं। इसमें उन्हें पांच साल की सजा हुई थी। देवघर कोषागार से 79 लाख की अवैध निकासी के घोटले के दूसरे मामले में भी वह जमानत पर हैं। इस मामले में उन्हें साढ़े 3 साल की सजा सुनाई गई थी। लालू को 33.13 करोड़ के चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के तीसरे मामले में भी जमानत मिली थी। इस मामले में उन्हें पांच साल की सज़ा हुई थी जबकि दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ की अवैध निकासी के चौथे मामले में उन्हें दो अलग-अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा सुनाई गई थी। लेकिन उसमें भी वह जमानत पर हैं।

चारा घोटाले के तहत डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये के गबन के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद 73 वर्षीय लालू यादव को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने 21 फरवरी, 2022 को पांच साल की कैद और 60 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी।

फिलहाल पिता लालू को जमानत मिलने का बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने स्वागत किया। उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘पिछड़ों को अधिकार दिलाकर सामाजिक न्याय की अवधारणा को मजबूत करने वाले मसीहा को आज हाई कोर्ट ने बेल दी। एक बार फिर से स्वागत है बड़े साहब।’

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