लखनऊ, 2 फरवरी। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसे केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को 28 महीने बाद गुरुवार को लखनऊ जेल से रिहा कर दिया गया है। सिद्दीकी को लगभग दो वर्ष पहले यूपी पुलिस ने हाथरस जाते वक्त गिफ्तार किया था
दरअसल, हाथरस में दलित महिला के साथ बलात्कार के बाद उसकी मौत हो गई थी। पुलिस का आरोप था कि कप्पन के वहां जाने का इरादा इलाके में अशांति फैलाना था। कप्पन और अन्य तीन लोगों पर प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से संबंध रखने और हिंसा भड़काने की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था।
सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने दी जमानत
सिद्दीकी कप्पन पर आतंकवाद रोधी कानून यूएपीए के तहत राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। पिछले वर्ष फरवरी में प्रवर्तन निदेशालय ने उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामले में भी शिकायत दर्ज की थी। इसमें प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से रुपये लेने का आरोप शामिल है।
सुप्रीम कोर्ट ने सितम्बर, 2022 में कप्पन को आतंकवाद के मामले में जमानत दे दी थी। हालांकि, ईडी की ओर से मनी लॉन्ड्रिंग केस के कारण उन्हें जेल में ही रहना पड़ा था। वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कप्पन को गत 23 दिसम्बर को जमानत दे दी थी।
कप्पन बोले – झूठे आरोप में फंसाया गया, जेल से बाहर आने की खुशी
कप्पन को जमानत पर रिहा होने के लिए मुचलके की जरूरत थी, जिसे बुधवार को अदालत में पेश करने के बाद उनकी रिहाई हो सकी है। जेल से रिहा होने के बाद कप्पन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें झूठे आरोप में फंसाया गया था। वह अब जेल से बाहर हैं, इसकी उन्हें खुशी है। वह अपनी रिहाई के लिए मीडिया और तमाम उन लोगों का शुक्रिया कहना चाहते हैं, जिन्होंने उनका साथ दिया था।