नई दिल्ली, 21 मार्च। तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की विधान परिषद सदस्य के. कविता ने राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पूछताछ के लिए जाने से पहले अपने पुराने फोन दिखाए। उन्होंने एजेंसी के इस दावे पर कड़ा ऐतराज जताया कि उन्होंने अन्य कुछ पुराने फोन नष्ट कर दिए हैं। ईडी कार्यालय में प्रवेश से पहले कविता ने मीडियाकर्मियों को अपने पुराने फोन दिखाए। वह आज लगातार दूसरे दिन पूछताछ के लिए ईडी अधिकारियों के सामने पेश हुई हैं।
कविता का ईडी अधिकारी को पत्र
कविता ने ईडी के एक अधिकारी को अलग से पत्र लिखकर कहा है कि वह अपने सभी फोन जमा कर रही हैं, जो उन्होंने अतीत में इस्तेमाल किए होंगे और जो अधिकारी ने मांगें हैं। उन्होंने कहा कि उनके अधिकार को लेकर और इस दलील को लेकर किसी पूर्वाग्रह के बिना ये फोन जमा किए गए हैं कि क्या किसी महिला के निजता के अधिकार का खंडन करते हुए उसके फोन में ताकझांक की जा सकती है।
कविता ने कहा, ‘मैं इस अवसर पर एजेंसी की ओर से किये गये दुर्भावना के स्पष्ट कार्य की ओर इशारा करना चाहूंगी, जिसने नवम्बर, 2022 में कुछ अन्य अभियुक्तों के खिलाफ दायर अभियोजन की शिकायत में मेरे खिलाफ आरोप लगाने का विकल्प चुना और आरोप लगाया गया है कि कुछ फोन नष्ट कर दिए गए हैं। मैं समझ नहीं पा रहीं कि एजेंसी ने कैसे, क्यों और किन परिस्थितियों मेंं इस तरह के आरोप लगाए हैं जबकि मुझे तलब तक नहीं किया गया और कोई प्रश्न नहीं पूछा गया।’
कविता का दावा – पूछताछ के पहले ही एजेंसी ने लगा दिए आरोप
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी कविता ने यह दावा भी किया कि एजेंसी ने उन्हें सबसे पहली बार इस साल मार्च महीने में बुलाया था। उन्होंने कहा कि इसलिए उनके पास यह मानने की वजह है कि नवम्बर, 2022 में उनके खिलाफ आरोप न केवल दुर्भावनापूर्ण, गलत सोच पर आधारित थे, बल्कि नुकसान पहुंचाने वाले भी थे।
उन्होंने कहा कि जनता को झूठे आरोप जान बूझकर लीक करने से राजनीतिक रस्साकशी बढ़ी है, जिसमें उनके राजनीतिक विरोधी आरोपों की झड़ी लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में उन पर तथाकथित सबूत नष्ट करने के आरोप लग रहे हैं, उनकी प्रतिष्ठा को बहुत नुकसान पहुंचाया जा रहा है और उन्हें तथा उनकी पार्टी को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है।