बेंगलुरु, 26 जुलाई। कर्नाटक के मुख्यंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने काफी समय से चल रहीं अटकलों को विराम देते हुए सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। घटनाक्रम का दिलचस्प पहलू यह रहा कि येदियुरप्पा ने कर्नाटक सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने के अवसर आयोजित एक समारोह के दौरान यह घोषणा की। वह लंच के बाद राजभवन पहुंचे और राज्यपाल थावर चंद गहलोत को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
ज्ञातव्य है कि कर्नाटक में काफी समय से येदियुरप्पा के इस्तीफे की चर्चा चल रही थी। हालांकि पिछले दिनों उन्होंने इन कयासों का खंडन किया था। खैर, उनके इस्तीफे के साथ ही कर्नाटक व राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हलचल तेज हो गई है और सबकी नजरें इस घोषणा पर टिक गई हैं कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा।
78 वर्षीय भाजपा नेता ने इस्तीफे के बाद कहा, ‘मुझ पर हाईकमान का कोई प्रेशर नहीं है, मैंने खुद इस्तीफा दिया। मैंने मुख्यमंत्री पद के लिए किसी का नाम भी नहीं सुझाया है। मैं पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करूंगा।’
- ‘इस्तीफा देकर खफा नहीं बल्कि खुश हूं’
इसके पूर्व इस्तीफा के एलान के दौरान भावुक हो उठे येदियुरप्पा ने कहा, ‘मैं खफा नहीं बल्कि खुश हूं। मैं हमेशा अग्निपरीक्षा से होकर गुजरा हूं। मुझे कर्नाटक के लोगों के लिए काफी काम करना है। हम सभी को मेहनत के साथ काम करना चाहिए।’
येदियुरप्पा के त्यागपत्र की घोषणा के बाद दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और फिर कर्नाटक प्रभारी अरुण सिंह से चर्चा की। माना जा रहा है कि जल्द ही पर्यवेक्षक के नाम की घोषणा हो सकता है, जिसके बाद मुख्यमंत्री चुना जाएगा।
- येदियुरप्पा ने दिल्ली में पीएम मोदी, नड्डा से की थी भेंट
येदियुरप्पा ने बीते दिनों नई दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। तभी से ये कयास लगाये जाने लगे थे कि अब वह अपना पद छोड़ सकते हैं। स्मरण रहे कि 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार बनी थी। लेकिन यह सरकार एक वर्ष ही चल पाई थी और बाद में भाजपा ने येदियुरप्पा की अगुआई में अपनी सरकार बना ली थी। येदियुरप्पा का बतौर मुख्यमंत्री यह चौथा कार्यकाल था। हालांकि इनमें उनका दो कार्यकाल तो क्रमशः सिर्फ आठ और तीन दिनों का रहा है।
- अगले मुख्यमंत्री की दौड़ में कई नाम
येदियुरप्पा के हटने के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री की दौड़ में कई नाम शामिल हैं। इनमें केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, संगठन महामंत्री बीएल संतोष, डिप्टी सीएम लक्ष्मण सवदी, मुर्गेश निराणी (मंत्री), वसवराज एतनाल (लिंगायत नेता), अश्वत नारायण (डिप्टी सीएम) और डीवी सदानंद गौड़ा (सांसद) शामिल हैं।