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जस्टिस यूयू ललित भारत के 49वें प्रधान न्यायाधीश नियुक्त, सीजेआई रमना 26 अगस्त को अवकाश ग्रहण करेंगे

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नई दिल्ली, 10 अगस्त। जस्टिस उदय उमेश ललित को भारत का 49वां प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) नियुक्त किया गया है। केंद्र सरकार ने अगले सीजेआई के लिए उनके नाम की सिफारिश को मंजूरी दे दी है। वह मौजूदा प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की जगह लेंगे, जो इसी माह की 26 तारीख को सेवानिवृत्त हो जाएंगे।

गौरतलब है कि सीजेआई एनवी रमना ने पिछले हफ्ते अपने उत्तराधिकारी के तौर पर न्यायमूर्ति यूयू ललित के नाम की सिफारिश की थी, जो वरिष्ठता क्रम में न्यायमूर्ति रमना के बाद आते हैं। सीजेआई रमना ने 24 अप्रैल 2021 को देश के 48वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में अपना पदभार संभाला था। उन्होंने अपने पूर्ववर्ती न्यायमूर्ति एसए बोबडे की जगह ली थी।

कानून एवं न्याय मंत्रालय की ओर से जस्टिस यूयू ललित की देश के प्रधान न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति की अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।

जस्टिस ललित 1983 में वकालत के पेशे से जुड़े थे

महाराष्ट्र के सोलापुर में नौ नवंबर,1957 को जन्मे न्यायमूर्ति ललित जून, 1983 में वकालत के पेशे से जुड़े थे और दिसंबर 1985 तक बंबई उच्च न्यायालय में वकालत की थी। वह बाद में दिल्ली आकर वकालत करने लगे और अप्रैल 2004 में, उन्हें शीर्ष अदालत द्वारा एक वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया। सीधे सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत होने वाले अब तक के सिर्फ छठे वरिष्ठ अधिवक्ता जस्टिस ललित को इससे पहले 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में सुनवाई के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया गया था।

सिर्फ 74 दिनों का होगा जस्टिस ललित का कार्यकाल

जस्टिस ललित को 13 अगस्त, 2014 को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। हालांकि सीजेआई के रूप में उनका कार्यकाल तीन महीने से भी कम यानी 74 दिनों का होगा क्योंकि वह इसी वर्ष आठ नवंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे।

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