Site icon hindi.revoi.in

महाराष्ट्र : उद्धव की शिवसेना को हाई कोर्ट से झटका, 12 MLC नियुक्ति मामले में जनहित याचिका खारिज

Social Share

मुंबई, 9 जनवरी। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (UBT) को आज बड़ा झटका जब लगा, जब बॉम्बे हाई कोर्ट ने तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के महाराष्ट्र विधान परिषद में 12 एमएलसी की नियुक्ति को रोकने के फैसले के खिलाफ दायर जनहित याचिका (PIL) खारिज कर दी।

दरअसल, नवम्बर, 2020 में तत्कालीन महाविकास अघाड़ी (MVA) सरकार के दौरान उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री रहते हुए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को एमलएसी नियुक्त करने के लिए 12 नामों की सूची दी थी। इस दौरान उन्होंने पूर्व सीएम की सिफारिश पर कोई एक्शन नहीं लिया, जिसके बाद उनपर अवैध पॉकेट वीटो के प्रयोग का आरोप लगा। इसी मामले को लेकर शिवसेना (UBT) हाईकोर्ट पहुंच गई थी।

इस मामले पर तनातानी तब और बढ़ गई थी, जब 2022 में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में नए मंत्रिमंडल ने नामांकितों की लंबित सूची वापस लेने की मांग की। सुनील मोदी द्वारा दायर जनहित याचिका में तर्क दिया गया कि यह वापसी एक अतिक्रमण थी तथा राज्यपाल की निष्क्रियता और उसके बाद नए मंत्रिमंडल द्वारा नामांकन वापस लेने की वैधता को चुनौती दी गई।

मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की अध्यक्षता वाली अदालत ऐसे नामांकनों में राज्यपाल की भूमिका की जांच कर रही है और यह भी कि क्या विभिन्न मंत्रिमंडलों द्वारा लिए गए निर्णयों के बीच अंतर होना चाहिए।

महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने राज्य विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले सात एमएलसी की नई सूची को मंजूरी दी थी। इस कदम के कारण सुनील मोदी ने नई कानूनी चुनौतियों का सामना किया, जिन्होंने तर्क दिया कि राज्यपाल इन नामों को मंजूरी नहीं दे सकते थे जबकि अदालत का फैसला लंबित था। उल्लेखनीय है कि संविधान के अनुच्छेद 171 (5) के अनुसार नामित एमएलसी में विज्ञान, खेल, कला और संस्कृति जैसे विशिष्ट पृष्ठभूमि और अनुभव वाले व्यक्ति शामिल होने चाहिए।

Exit mobile version