नई दिल्ली, 29 जून। दक्षिण चीन सागर और उत्तरी प्रशांत महासागर में तैनात भारतीय बहु-भूमिका वाला स्टील्थ फ्रिगेट ‘INS शिवालिक’ भी संयुक्त राज्य अमेरिका के हवाई प्रांत में स्थित ओहाऊ द्वीप के प्रसिद्ध पर्ल हार्बर पर पहुंच गया है, जहां वह दुनिया के सबसे बड़ा नौसैनिक अभ्यास ‘रिम ऑफ द पैसिफिक’ (RIMPAC24) में अपनी ताकत दिखाएगा। ‘INS शिवालिक’ इसके पहले भारत और जापान के बीच द्विपक्षीय अभ्यास ‘जिमेक्स’ में भागीदारी कर चुका है।
Aloha Hawai!!!#IndianNavy's indigenous stealth frigate #INSShivalik has arrived at Pearl Harbour, Hawaii to participate in 29th edition of Exercise Rim of the Pacific #RIMPAC24.
Harbour Phase, #27Jun – #07Jul, will incl Professional Interactions, Cross Deck Visits, insightful… pic.twitter.com/USo3Wfht0W— SpokespersonNavy (@indiannavy) June 29, 2024
7 जुलाई चलेगा रिमपैक अभ्यास
पर्ल हार्बर हवाई द्वीप में राजधानी होनोलूलू से दस किमी उत्तर-पश्चिम, संयुक्त राज्य अमेरिका का प्रसिद्ध बंदरगाह एवं गहरे जल का नौसैनिक अड्डा है। यह अमेरिकी प्रशांत बेड़े का मुख्यालय भी है। यहां 27 जून से शुरू हुआ अभ्यास सात जुलाई तक चलेगा। अभ्यास के हार्बर चरण में कई संगोष्ठियों, अभ्यास योजना चर्चाओं, खेल प्रतियोगिताओं और पारस्परिक डेक यात्राओं में भागीदारी होगी। रिमपैक के समुद्री चरण को तीन उप-चरणों में विभाजित किया गया है, जिसमें पहले दो उप-चरणों के दौरान जहाज बुनियादी और उन्नत स्तर के एकीकरण अभ्यास करेंगे।
अमेरिकी नौसेना के नेतृत्व में 29 देश ले रहे भाग
कार्यक्रम का समापन थिएटर स्तर के बड़े बल सामरिक अभ्यास के साथ होगा। इस अभ्यास में विमान वाहक युद्ध समूह, पनडुब्बियां, समुद्री टोही विमान, मानव रहित हवाई वाहन, दूर से संचालित सतही जहाज और बहुराष्ट्रीय नौसेनाओं के विशेष बलों के साथ संयुक्त संचालन सहित उभयचर बल लैंडिंग ऑपरेशन भी भाग लेंगे। इस अभ्यास का उद्देश्य मित्र देशों की नौसेनाओं के बीच अंतर-संचालन को बढ़ाना और विश्वास का निर्माण करना है। अमेरिकी नौसेना के नेतृत्व में लगभग 29 देश बहुआयामी अभ्यास के वर्तमान संस्करण में भाग ले रहे हैं।
दुनिया का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय समुद्री अभ्यास ‘रिमपैक’ प्रतिभागियों के बीच सहकारी संबंधों को बढ़ावा देने और बनाए रखने के साथ-साथ एक अनूठा प्रशिक्षण अवसर प्रदान करता है, जो समुद्री मार्गों की सुरक्षा और दुनिया के महासागरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
भारतीय तट से 9000 समुद्री मील दूर होने वाले इस अभ्यास में आईएनएस शिवालिक की भागीदारी दुनिया के किसी भी हिस्से में संचालन करने की भारतीय नौसेना की क्षमता का प्रमाण है। आईएनएस शिवालिक एक स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित 6000 टन वजनी गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट है।