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भारतीय सेना ने ध्रुव हेलीकॉप्टर का संचालन रोका, किश्तवाड़ में हुई दुर्घटना के बाद लिया फैसला

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नई दिल्ली, 6 मई। जम्मू संभाग में किश्तवाड़ के दूर-दराज इलाके में सेना के एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (ALH) ध्रुव के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद एहतियात के तौर पर इस हेलीकॉप्टर की उड़ान पर रोक लगा दी गई है। इससे पहले भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के ध्रुव हेलीकॉप्टर भी दुर्घटना के शिकार हुए थे।

जम्मू संभाग के किश्तवाड़ में हुई दुर्घटना में सवार तीनों लोग जख्मी हुए थे, जिन्हें इलाज के लिए उधमपुर के सैन्य अस्पताल ले जाया गया था। ताजा घटना गुरुवार, 4 मई की है, जब सवा 11 बजे ऑपरेशनल मिशन पर रवाना हुआ ध्रुव हेलीकॉप्टर किश्तवाड़ की मरुआ नदी के तट पर लैंडिंग के दौरान हादसे की चपेट में आया था।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पायलटों ने एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (एटीसी) को तकनीकी खराबी की सूचना दी थी। सेना का कहना है कि वह इस दुर्घटना के पीछे हुए तकनीकी पहलुओं की जांच कर रही है।

पिछले कुछ समय से भारतीय सेना हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं से परेशान है। मार्च की शुरूआत में ही, अरुणाचल प्रदेश में मंडला पहाड़ी क्षेत्र के पास भारतीय सेना के एक एविएशन चीता हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से उसके दो पायलटों की मौत हो गई थी।

ALH ध्रुव भारतीय तटरक्षक बल के साथ सेना, नौसेना और वायु सेना सहित तीनों रक्षा बलों द्वारा संचालित किया जाता है। भारतीय वायु सेना लगभग 70 एएलएच ध्रुव का संचालन करती है। इसके अलावा सेना, नौसेना और तटरक्षक बल के पास भी ये हेलीकॉप्टर हैं।

इन खूबियों से लैस है ध्रुव हेलीकॉप्टर

ध्रुव हेलीकॉप्टर हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा बनाया गया है। इसकी अधिकतम गति 280 किमी/घंटा (175 मील प्रति घण्टा, 150 नॉट्स) है। ये मिसाइल के साथ भी काम करते हैं और इससे मिसाइल भी दागी जा सकती है। इसमें 8 एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल, 4 एयर टु एयर मिसाइल आदि ले जाने की क्षमता है।

भारत-पाकिस्तान की लंबी और कठिन सीमा पर आपातकालीन परिस्थितियों में ध्रुव हेलीकॉप्टर काफी अहम भूमिका निभा रहा था। हालांकि अब हाल ही में हुई कुछ दुर्घटनाओं ने सुरक्षा विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है।

 

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