बालासोर (ओडिशा), 18 दिसंबर। भारत ने नई पीढ़ी की परमाणु क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-पी (प्राइम) का शनिवार को सफल परीक्षण किया। बालासोर में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से किए गए परीक्षण के दौरान पूर्वी तट पर स्थित विभिन्न टेलीमेट्री और रडार स्टेशनों ने मिसाइल को ट्रैक किया और उसकी स्थिति की निगरानी की।
New generation ballistic missile ‘Agni P’ successfully test-fired by DRDO from Dr APJ Abdul Kalam Island. #AmritMahotsav #IconicWeek https://t.co/7ex3kBczCL pic.twitter.com/FI8yC4Z1K6
— DRDO (@DRDO_India) December 18, 2021
डीआरडीओ ने इसी वर्ष जून में किया था पहला परीक्षण
इस मिसाइल का एक और सफल परीक्षण गत 28 जून को भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से किया गया था। शनिवार के परीक्षण के बाद डीआरडीओ की ओर से कहा गया कि दूसरे परीक्षण ने इस मिसाइल की विश्वसनीयता और इसमें लगे आधुनिक तकनीक पर भरोसे को और पुख्ता कर दिया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ ने सफल परीक्षण पर दी बधाई
इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अग्नि-पी (प्राइम) मिसाइल के सफल परीक्षण पर डीआरडीओ को बधाई दी और इस सफलता पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि भारत एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था है, जिसने विकास की ओर बढ़ना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘हमारे पास युवा प्रशिक्षित वैज्ञानिक, तकनीक और प्रतिभा है।’ डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने भी सफल परीक्षण करने के लिए टीम के प्रयासों की सराहना की।
The Agni P Missile has been successfully tested off the coast of Odisha.
The flight test has proven the reliable performance of all the advanced technologies integrated into the system.
Congratulations to Team @DRDO_India. The nation is proud of their achievements. pic.twitter.com/14CCwT6sG8
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) December 18, 2021
रेल और रोड से लॉन्च की जा सकती है यह मिसाइल
अग्नि-पी दरअसल अग्नि श्रेणी की मिसाइलों की नई पीढ़ी का उन्नत संस्करण है। यह ऐसी बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे रेल और सड़क कही से भी जरूरत पड़ने पर लॉन्च किया जा सकता है। साथ ही इसे लंबी अवधि के लिए तैयार रखा जा सकता है। यही नहीं, इसे जरूरत के अनुसार देश के किसी भी कोने में आसानी से ले जाया जा सकता है।
नई बैलिस्टिक मिसाइल की खासियत
नई बैलिस्टिक मिसाइल की मार करने की क्षमता 1000 से 2000 किलोमीटर तक की है। मिसाइल का वजन अग्नि III से आधा है और इसमें नए प्रकार के प्रोपलशन और गाइलाइन हैं। इसमें जो तकनीक लगी है, वह 4000 किलोमीटर रेंज की अग्नि- IV और 5000 किलोमीटर रेंज वाली अग्नि-V में इस्तेमाल की गई है। नई अग्नि-पी मिसाइल का इस्तेमाल हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दुश्मन के युद्धपोतों को निशाना बनाने के लिए भी किया जा सकता है।
वस्तुतः अग्नि श्रेणी की मिसाइलें भारत की परमाणु क्षमता वाली मिसाइलों का अहम आधार हैं। इसमें कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल पृथ्वी, पनडुब्बी से लॉन्च की जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल और लड़ाकू विमान भी शामिल हैं। अग्नि सीरीज की सबसे घातक मिसाइल अग्नि-V है जो अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है। इसमें 5,000 किमी से अधिक दूरी तक मार करने की क्षमता है। इसका कई बार परीक्षण किया जा चुका है और इसे शामिल करने की प्रक्रिया जारी है।