नई दिल्ली, 23 अक्टूबर। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ड्रैग फ्लिकर्स में शुमार हरमनप्रीत सिंह की अगुआई में उतरी पेरिस ओलम्पिक खेलों की कांस्य पदक विजेता भारतीय हॉकी टीम को आठ पेनाल्टी कॉर्नर व एक पेनाल्टी स्ट्रोक गंवाने का खामियाजा भुगतना पड़ा और बुधवार को यहां जर्मनी की युवा टीम ने प्रथम हॉकी टेस्ट 2-0 से जीत लिया।
राष्ट्रीय राजधानी के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में 11 वर्षों बाद खेले गए किसी अंतरराष्ट्रीय मैच में ओलम्पिक रजत विजेता जर्मनी का पलड़ा शुरुआत से अंत तक भारी रहा और मेजबान टीम पूरे समय तक दबाव में दिखी। जर्मनी के लिए हेनरिक मर्टजेंस (तीसरा मिनट) और कप्तान लुकास विंडफेडर (30वां) ने गोल दागे। जर्मन गोलकीपर जोशुआ एन ओंयेकवू ने भारत के हर वार को नाकाम किया।
कप्तान हरमनप्रीत पेनाल्टी स्ट्रोक भी नहीं भुना सके
पेरिस ओलम्पिक में 10 गोल करने वाले कप्तान हरमनप्रीत सिंह सीनियर स्तर पर इस मैदान पर अपने पहले मैच में पेनाल्टी स्ट्रोक पर गोल नहीं कर सके जबकि सर्कल के भीतर स्ट्राइकर किसी मूव को अंजाम तक नहीं पहुंचा पाए।
A defeat in the first game of the PFC India vs Germany Bilateral Hockey Series.
We are confident of a comeback tomorrow💪🏻India 🇮🇳 0-2 🇩🇪 Germany
Henrik Mertgens 4'
Lukas Windfeder 30'(PC)#IndiaKaGame #PFCINDvGER #HockeyIndia #GermanyTourOfIndia
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@CMO_Odisha… pic.twitter.com/ygdsyngTY9— Hockey India (@TheHockeyIndia) October 23, 2024
कुल मिलाकर देखें तो दिल्ली में वर्षों बाद मैच देखने के लिए सप्ताह के बीच और दिन में खेल होने के बावजूद मैदान पर जमा छह से सात हजार दर्शकों को भारत के प्रदर्शन से निराशा हुई। विश्व कप और राष्ट्रमंडल खेल 2010 के अलावा एशियाई खेल 1982 के कई शानदार मुकाबलों के गवाह रहे इस स्टेडियम में यह बिल्कुल ही एकतरफा मैच था।
जर्मनी ने तीसरे ही मिनट में खोला खाता
आधे से ज्यादा युवा खिलाड़ियों के साथ आई जर्मन टीम ने तीसरे ही मिनट में हेनरिक मर्टजेंस के गोल से बढ़त बना ली। मेहमानों ने जल्द ही पहला शॉर्ट कॉर्नर गंवाया। भारत को आठवें मिनट में मैच का पहला पेनाल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन सुखजीत सिंह गोल करने में नाकाम रहे।
दूसरे क्वार्टर में भारत को चार पेनाल्टी कॉर्नर और एक पेनाल्टी स्ट्रोक मिला, लेकिन गोल नहीं हो सका। 21वें मिनट में मनप्रीत सिंह ने संजय को अच्छा पास दिया, जिन्होंने दिलप्रीत सिंह को गेंद सौंपी, लेकिन उनका शॉट बाहर से निकल गया।
आधे समय तक जर्मनी ने ले रखी थी 2-0 की बढ़त
भारत को 27वें मिनट में मिले पेनाल्टी कॉर्नर पर दिलप्रीत ने रिबाउंड पर गोल कर दिया था, लेकिन जर्मनी ने रेफरल लिया जिसके बाद भारत को पेनाल्टी स्ट्रोक मिला। फिलहाल हरमनप्रीत के सीधे शॉट को जर्मन गोलकीपर ने रोक लिया। वहीं मध्यांतर से ठीक पहले पेनाल्टी कॉर्नर को लुकास ने गोल में बदलने के साथ जर्मनी की बढ़त 2-0 कर दी।
इसी मैदान पर कल खेला जाएगा सीरीज का दूसरा व अंतिम टेस्ट
तीसरे क्वार्टर में भी भारतीय फॉरवर्ड पंक्ति गेंद को फिनिशिंग तक पहुंचाने में नाकाम रही। भारत को मिडफील्ड में हार्दिक सिंह की कमी बहुत खली, जो चोट के कारण बाहर हैं। भारत को 40वें मिनट में फिर दो पेनाल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन कोई फायदा नहीं हुई। वहीं अगले मिनट में पलटवार पर जर्मनी ने पेनल्टी कॉर्नर बनाया लेकिन कृशन बहादुर सिंह ने उसे बचा लिया। दोनो टीमें गुरुवार को दूसरा और आखिरी मैच यहीं खेलेंगी।