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एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी हॉकी : भारत ने रचा इतिहास, मलेशिया को हराकर रिकॉर्ड चौथी बार चैम्पियन

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चेन्नई, 12 अगस्त। भारतीय हॉकी टीम ने शनिवार को यहां संपन्न एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी टूर्नामेंट के इतिहास में नए अध्याय का सृजन किया और संघर्षपूर्ण खिताबी मुकाबले में 44वें मिनट तक पिछड़ने के बाद शानदार वापसी करते हुए मलेशिया को 4-3 से हराकर रिकॉर्ड चौथी बार खिताब पर अपना नाम लिखा लिया।

घरेलू समर्थकों से खचाखच भरे मेयर राधाकृष्णन स्टेडियम में तीसरे क्वार्टर के अंतिम क्षणों तक 1-3 से पिछड़ रहे भारत के लिए जुगराज सिंह (नौवां मिनट), कप्तान हरमनप्रीत सिंह (45वां मिनट), गुरजंत सिंह (45वां मिनट) और आकाशदीप सिंह (56वां मिनट) ने गोल दागे। वहीं, मलेशिया की ओर से अबू कमाल अजराई (14वां मिनट), रहीम राजी (18वां मिनट), मोहम्मद अमीनुद्दीन (28वां मिनट) ने गोल किए।

इसके साथ ही भारत सबसे ज्यादा बार एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी जीतने वाला देश बन गया है। इसके पूर्व भारतीय टीम 2011, 2016 और 2018 में श्रेष्ठता सिद्ध की थी। दूसरे नंबर पर पाकिस्तान है, जिसने तीन बार टूर्नामेंट जीता है। इनमें भारत-पाकिस्तान 2018 का फाइनल रद होने के कारण संयुक्त विजेता घोषित किए गए थे।

जुगराज की दिलाई बढ़त भारत ने पहले क्वार्टर में ही जाया कर दी

मैच के शुरुआती मिनटों की खींचातानी के बाद पहला गोल भारत ने नौंवे मिनट में मिले पेनाल्टी कॉर्नर पर किया। कार्ति सेल्वम द्वारा अर्जित पेनाल्टी कॉर्नर का उपयोग करने के लिए हरमनप्रीत फील्ड पर नहीं थे, इसलिए जुगराज ने जादुई ड्रैग फ्लिक से खाता खोला। अजराई ने हालांकि पहला क्वार्टर खत्म होने से पहले अजुआन हसन की मदद से मलेशिया के लिए स्कोर बराबर कर दिया।

आधे समय तक मलेशिया ने 3-1 की बढ़त ले रखी थी

मैच के 16वें मिनट में गुरजंत सिंह को ग्रीन कार्ड दिखाया गया और मलेशिया ने भारतीय खेमे में 10 खिलाड़ियों का फायदा उठाकर पेनाल्टी कॉर्नर हासिल किया। शेलो सल्विेरियस पहली कोशिश में चूक गए, लेकिन दूसरी कोशिश में उन्होंने रहीम को सटीक पास देकर मलेशिया को बढ़त की स्थिति में पहुंचाया। बढ़त मिलते ही मलेशियाई टीम का ध्यान डिफेंस पर केंद्रित हो गया। इस बीच, अमीनुद्दीन ने 28वें मिनट में मिले पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर मध्यांतर पूर्व मलेशिया की बढ़त 3-1 कर दी।

11 मिनट के भीतर तीन गोलों से मेजबानों की खिताबी जीत सुनिश्चित

तीसरे क्वार्टर में खेल के 40वें मिनट में आकाशदीप सिंह के पास मौका था, लेकिन वह फाउल कर बैठे। इस बीच मलेशिया ने भी जवाबी हमलों से भारतीय रक्षकों को व्यस्त रखा। मलेशिया 43वें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर का फायदा नहीं उठा पाया। भारत ने इसके तुरंत बाद जवाबी हमला किया, लेकिन जरमनप्रीत सिंह का शॉट क्रॉसबार के ऊपर से बाहर चला गया। भारत ने हालांकि 45वें मिनट में कुछ सेकेंड के अंदर दो गोल करके स्कोर 3-3 बराबर कर दिया। भारत को पहले पेनाल्टी स्ट्रोक मिला, जिसे हरमनप्रीत ने गोल में बदला। भारतीय कप्तान ने इसके तुरंत बाद गेंद पर नियंत्रण किया और उसे गोलमुख के पास खड़े गुरजंत तक पहुंचाया, जिन्होंने कोई चूक नहीं की।

भारत ने बुलंद हौसलों के साथ चौथे क्वार्टर में कदम रखा। उसके पास 52वें मिनट में बढ़त हासिल करने का सुनहरा मौका था, लेकिन सुखजीत सिंह मलेशिया के गोलकीपर को नहीं छका पाए। आकाशदीप ने हालांकि इसके चार मिनट बाद भारत को निर्णायक बढ़त दिलाई। तब मनदीप सिंह का शॉट मलेशिया के रक्षक ने रोक दिया था, लेकिन गेंद आकाशदीप के पास चली गई, जिनके ताकतवर शॉट का मलेशिया के गोलकीपर के पास भी कोई जवाब नहीं था।

गत चैम्पियन कोरिया को हरा तीसरे स्थान पर रहा जापान

इसके पूर्व तीसरे स्थान के लिए खेले गए मैच में जापान ने गत चैंपियन दक्षिण कोरिया को 5-3 से पराजित किया। मध्यांतर तक 3-2 से आगे रहे जापान की तरफ सेरयोमा ओका (तीसरा मिनट), रयोसी काटो (नौवां मिनट), केंटारो फुकुदा (28वां मिनट), शोता यामादा (53वां मिनट) और केन नागायोशी (58वां मिनट) ने गोल दागे जबकि कोरिया के लिए जोंगह्युन जांग (15वां और 33वां मिनट) और चेओलियन पार्क (26वां मिनट) ने गोल किए।