नई दिल्ली, 31 अक्टूबर। रूस से तेल खरीद के विरोध में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर थोपे गए 50 फीसदी टैरिफ से जारी तनातनी के बीच भारत और अमेरिका ने मलेशियाई राजधानी कुआलालंपुर में 10 वर्षों के लिए नया रक्षा फ्रेमवर्क समझौता किया है। इस समझौते पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने हस्ताक्षर किए। यह समझौता पीएम मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ह्वाइट हाउस बैठक के बाद आगे बढ़ा।
दोनों देशों की सेनाएं तकनीकी और रणनीतिक सहयोग और गहरा करेंगी
समझौते के तहत दोनों देशों की सेनाएं तकनीकी और रणनीतिक सहयोग को और गहरा करेंगी, जिससे भारत को अहम रक्षा तकनीक का एक्सेस और नई डिफेंस इंडस्ट्री की ग्रोथ का मौका मिलेगा। इस बैठक से कुछ दिन पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भी व्यापक चर्चा की थी। उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों, क्षेत्रीय मुद्दों और ग्लोबल चुनौतियों पर बातचीत की थी।
हमारी रक्षा साझेदारी में एक नए युग की शुरुआत होगी – राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X इस समझौते की जानकारी देते हुए लिखा, ‘कुआलालंपुर में मेरे अमेरिकी समकक्ष पीटर हेगसेथ के साथ एक अच्छी मीटिंग हुई। हमने 10 वर्ष के ‘US-इंडिया मेजर डिफेंस पार्टनरशिप के फ्रेमवर्क’ पर साइन किए। इससे हमारी पहले से ही मजबूत रक्षा साझेदारी में एक नए युग की शुरुआत होगी।’
Had a fruitful meeting with my US counterpart @SecWar Peter Hegseth in Kuala Lumpur. We signed the 10 years ‘Framework for the US-India Major Defence Partnership’. This will usher in a new era in our already strong defence partnership.
This Defence Framework will provide policy… pic.twitter.com/IEP6Udg9Iw
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 31, 2025
राजनाथ सिंह ने कहा, ‘यह डिफेंस फ्रेमवर्क इंडिया-US डिफेंस रिलेशनशिप के पूरे स्पेक्ट्रम को पॉलिसी डायरेक्शन देगा। यह हमारे बढ़ते स्ट्रेटेजिक कन्वर्जेंस का सिग्नल है और पार्टनरशिप के एक नए दशक की शुरुआत करेगा। डिफेंस हमारे बाइलेटरल रिलेशन का एक बड़ा पिलर बना रहेगा। एक फ्री, ओपन और रूल्स-बेस्ड इंडो-पैसिफिक रीजन पक्का करने के लिए हमारी पार्टनरशिप बहुत जरूरी है।‘
हेगसेथ बोले – ‘भारत-अमेरिका के रक्षा संबंध इतना मजबूत कभी नहीं रहे’
दूसरी तरफ अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने एक्स पर बताया कि उन्होंने भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। इस मुलाकात में दोनों ने 10 वर्षों के लिए नया रक्षा समझौता हस्ताक्षर किया, जो भारत और अमेरिका की रक्षा साझेदारी को और मजबूत करेगा। इस समझौते से क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा। दोनों देशों ने अपनी सूचना साझा करना, समन्वय और तकनीकी सहयोग को भी बढ़ाने का फैसला किया है। हेगसेथ ने कहा कि अब तक भारत-अमेरिका के रक्षा संबंध इतना मजबूत कभी नहीं रहे।
I just met with @rajnathsingh to sign a 10-year U.S.-India Defense Framework.
This advances our defense partnership, a cornerstone for regional stability and deterrence.
We're enhancing our coordination, info sharing, and tech cooperation. Our defense ties have never been… pic.twitter.com/hPmkZdMDv2
— Secretary of War Pete Hegseth (@SecWar) October 31, 2025
वहीं पेंटागन ने भी बयान जारी कर बताया कि इस डील के तहत भारत में घरेलू रक्षा उत्पादन खासकर ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को बढ़ावा मिलेगा, जिसमें जीई एयरोस्पेस का एफ-404 इंजन और हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की डेलिवरी भी शामिल है।
‘मेक इन इंडिया’ और इंजन डेलिवरी पर चर्चा
मुलाकात में एफ404 इंजन की डेलिवरी में हो रही देरी का मुद्दा भी उठा, जो तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) के लिए बेहद अहम है। देरी के कारण हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को भारतीय वायुसेना के लिए तय समय पर विमानों की आपूर्ति में कठिनाई हो रही है।
समझौता इस प्रकार मदद करेगा
- इससे भारत को अमेरिका से अत्याधुनिक हथियार, हेलिकॉप्टर, ड्रोन जैसी तकनीक मिलेगी।
- इंडो-पैसिफिक में चीन को जवाब देने के लिए भारत-अमेरिका की साझेदारी मजबूत होगी।
- अमेरिकी कम्पनियों को भारत में निवेश और तेज डेलिवरी से फायदा होगा।
- हेलीकॉप्टर, एयरक्राफ्ट, और अन्य हथियार भारत में बनेंगे, जिससे मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा।
दोनों देशों के लिए फायदेमंद
- भारत को रक्षा उद्योग में ग्रोथ और आत्मनिर्भरता।
- अमेरिका को रक्षा सौदों में ऑर्डर और रणनीतिक साझेदारी।
- क्षेत्रीय सुरक्षा और जानकारी का साझा करना तेज होगा।
- चीन जैसे देशों के दबाव का सामूहिक जवाब मिलेगा।

