लखनऊ, 13 अप्रैल। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के बाद विधान परिषद के चुनाव में कड़वी पराजय झेलने वाली बहुजन समाज पार्टी तथा कांग्रेस के दिन अभी सुधरने वाले नहीं नहीं हैं। विधानसभा चुनाव में सभी 403 सीट पर लडऩे वाली बहुजन समाज पार्टी को एक तथा कांग्रेस को दो सीट मिली हैं। विधान परिषद चुनाव में तो इनका खाता भी नहीं खुला है। इसके बाद बारी 10 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव की है। उत्तर प्रदेश में 11 सीट पर होने वाले मतदान में बहुजन समाज पार्टी तथा कांग्रेस खाली हाथ ही रहेंगी।
राज्यसभा यानी संसद में उच्च सदन में अभी तक बहुजन समाज पार्टी से दो तथा कांग्रेस से एक सदस्य हैं। इनका कार्यकाल चार जुलाई को समाप्त होने के बाद उत्तर प्रदेश से राज्यसभा में इस बार 11 में से इनको एक भी सीट नहीं मिलेगी। अभी तक बहुजन समाज पार्टी से सतीश चंद्र मिश्रा व अशोक सिद्धार्थ तथा कांग्रेस से कपिल सिब्बल उत्तर प्रदेश कोटे से राज्यसभा के सदस्य हैं। उत्तर प्रदेश की 11 सीट पर दस जून को होने वाले राज्यसभा के चुनाव में बहुजन समाज पार्टी तथा कांग्रेस अपने एक भी सदस्य को नहीं भेज पाने की स्थिति में हैं।
इनके पास पर्याप्त संख्या में विधायक नहीं हैं। इसी कारण कांग्रेस व बसपा यूपी से किसी को भी राज्यसभा में नहीं भेज पाएगी। इस बार विधानसभा तथा विधान परिषद के चुनाव के बाद बसपा तथा कांग्रेस को राज्यसभा चुनाव में भी सबसे बड़ा नुकसान होगा। इन दोनों ही दलों का हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव में प्रदर्शन बहुत खराब रहा था। कांग्रेस को दो और बसपा को मात्र एक सीट ही हासिल हुई थी, लिहाजा यह दोनों दल अपने दम पर एक भी सदस्य जिताने की स्थिति में नहीं हैं।
राज्यसभा में बसपा की मुखिया मायावती तो पहले ही इस्तीफा दे चुकी हैं जबकि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा मिश्रा और अशोक सिद्धार्थ का कार्यकाल चार जुलाई को समाप्त हो रहा है। इसके बाद तो उत्तर प्रदेश से उच्च सदन में बसपा के सिर्फ रामजी गौतम ही रह जाएंगे। प्रदेश में बसपा के सिर्फ एक विधायक उमाशंकर सिंह ही हैं।
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सिर्फ दो विधायक जीते हैं। इसी कारण कांग्रेस इस बार यूपी से एक भी नेता को राज्यसभा नहीं भेज पाएगी। उत्तर प्रदेश से अभी कांग्रेस के कपिल सिब्बल राज्यसभा सदस्य हैं। उनका कार्यकाल चार जुलाई तक है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को दो सीट मिली हैं। महराजगंज जिले के फरेंदा से वीरेन्द्र चौधरी तथा प्रतापगढ़ के रामपुर खास से अराधाना मिश्रा ‘मोना’ ने जीत दर्ज की है। कांग्रेस के बड़े नेता प्रमोद तिवारी की पुत्री मोना की यह लगातार दूसरी जीत है।