नई दिल्ली, 13 जुलाई। डॉक्टरों के राष्ट्रीय संगठन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने एक पत्र जारी कर चेतावनी दी है कि अगर धार्मिक यात्राओं व पर्यटन पर रोक नहीं लगी और लोगों ने लापरवाही जारी रखी तो कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर भयावह रूप ले सकती है।
आईएमए ने अपने पत्र में कहा, ‘पर्यटन, यात्राएं और धार्मिक आस्थाएं जरूरी हैं, लेकिन अभी इसके लिए कुछ महीने इंतजार करना ही बेहतर होगा। दुनियाभर से हमें सीख लेने की जरूरत है। किसी भी महामारी का इतिहास उठाकर देख लें, तीसरी लहर को टाला नहीं जा सका है और दूसरी के बाद इसके आने का अंतराल भी बहुत लंबा नहीं रहा। जब हमें सावधानी बरतनी चाहिए, तब लोग बेफिक्र होकर घूमने के लिए पहाड़ों का रुख कर रहे हैं, यह दुखद है।’
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से यह बयान ठीक उस दिन आया है, जब पुरी में भगवान श्री जगन्नाथ यात्रा का शुभारंभ हुआ है। वहीं, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों ने कांवड़ यात्रा के लिए तैयारियों के आदेश दिए हैं।
भीड़ जुटने से रोकने की राज्यों से अपील
डॉक्टरों की संस्थान ने कहा, ‘जिस तरह आयोजनों को छूट दी जा रही है और लोगों को टीकाकरण के बिना भी बेरोकटोक बड़ी संख्या में एकत्र होने दिया जा रहा है। इससे तीसरी लहर को गति ही मिलेगी। पर्यटन स्थलों पर जुटी लोगों की भीड़ में कोरोना नियमों का पालन असंभव होता दिख रहा है। यही लोग संक्रमण को पैर पसारने में मदद करेंगे और तीसरी लहर को रफ्तार देंगे।’ आईएमए ने राज्यों से स्थिति की गंभीरता को समझते हुए भीड़ जुटने से रोकने की अपील की है।
कोरोना सम्मत व्यवहार हर किसी की जिम्मेदारी व कर्तव्य
आईएमए ने कहा कि कोरोना के एक मरीज के इलाज के परिणाम व अर्थव्यवस्था पर इसका असर निश्चित रूप से इस तरह के आयोजनों व सामूहिक समारोहों को रोकने से होने वाले नुकसान से बेहतर होगा। यह हर किसी की निजी जिम्मेदारी और कर्तव्य है कि कम से कम तीन महीने तक कोरोना सम्मत व्यवहार का कड़ाई से पालन किया जाए।
पर्यटकों को कोरोना नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा : रेड्डी
दूसरी तरफ केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा है कि सरकार पर्यटन पर रोक नहीं लगाना चाहती, लेकिन साथ ही पर्यटकों को भी कोविड नियमों को पालन करना होगा। रेड्डी ने एक ट्वीट में कहा, ‘सरकार पर्यटकों पर कोई रोक नहीं लगाना चाहती है, मगर पर्यटकों को भी कोरोना नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा। महामारी को मात देने के लिए हर किसी को कोरोना योद्धा बनना होगा। इसलिए सभी को सावधानी बरतनी होगी।’
आईआईटी के विशेषज्ञ ने हैदराबाद के प्रोफेसर का तीसरी लहर आने का दावा किया खारिज
इस बीच आईआईटी जोधपुर के पूर्व प्रोफेसर रिजो एम. जॉन ने हैदराबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ.विपिन श्रीवास्तव का यह दावा खारिज किया है कि देश में तीसरी लहर गत चार जुलाई को ही धमक चुकी है। प्रोफेसर श्रीवास्तव ने कहा था कि तीसरी लहर के कारण ही देश में नए मामले बढ़ रहे हैं। अगर यथाशीघ्र सतर्कता नहीं बरती गई तो यह लहर काफी आक्रामक हो सकती है।
प्रोफेसर जॉन ने कहा, ‘व्यक्तिगत तौर पर तीसरी लहर की पुष्टि नहीं की जा सकती क्योंकि बीते सात दिनों के आंकड़ों में तीसरी लहर के संकेत नहीं मिल रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर पर दैनिक मामलों का गणितीय आकलन अभी दूसरी लहर से बाहर आने के संकेत दे रहा है। वहीं केरल, महाराष्ट्र और पूर्वोत्तर राज्यों में भी, जहां संक्रमण दर 10 फीसदी से भी अधिक है, नई लहर दिखाई नहीं दे रही है।’