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आईसीएमआर की खोज : रैपिड टेस्ट से अब दो घंटे में पता लग जाएगा ओमिक्रॉन का परिणाम

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डिब्रूगढ़, 12 दिसंबर। कोरोना संक्रमण का नया वैरिएंट ओमीक्रॉन भारत के छह राज्यों में पांव पसार चुका है और इसके लगभग 35 मरीजों का इलाज चल रहा है। इस संक्रमण का पता लगाने के लिए वर्तमान में जीनोम सिक्वेंसिंग करानी पड़ती है और इस टेस्ट में अधिक समय लगता है।

हाइड्रोलिसिस जांच आधारित है रीयल टाइम आरटीपीसीआर टेस्ट

फिलहाल अब भारतीय औषधि अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने इसका हल निकाल लिया है और आईसीएमआर के वैज्ञानिकों ने यहां एक ऐसी किट बना ली है, जिससे सिर्फ दो घंटे में ओमीक्रॉन संक्रमण की पहचान कर ली जाएगी। रीयल टाइम आरटीपीसीआर टेस्ट हाइड्रोलिसिस जांच आधारित है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार के पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) के वैज्ञानिकों की एक टीम ने इस टेस्ट किट को विकसित किया है। इससे रियल टाइम में ओमीक्रॉन वैरिएंट का पता लगाया जा सकता है।

कोलकाता की कम्पनी जीसीसी बायोटेक पीपीपी मॉडल पर बना रही यह किट

वैज्ञानिक डॉ. विश्वज्योति बोरकाकोटी के नेतृत्व में टीम ने किट तैयार की है। यह दिए गए नमूने से दो घंटे में ओमीक्रॉन का पता लगा सकती है। इस किट का उत्पादन कोलकाता की एक कम्पनी, जीसीसी बायोटेक द्वारा सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर किया जा रहा है। देश के कई राज्यों में ओमीक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह किट काफी कारगर साबित होगी।

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