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FIH हॉकी जूनियर पुरुष विश्व कप : मेजबान भारत ने 9 वर्षों बाद जीता पदक, कांस्य पदक के प्लेऑफ में अर्जेंटीना को दी शिकस्त

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चेन्नई, 10 दिसम्बर। मेजबान भारत बुधवार को यहां FIH हॉकी जूनियर पुरुष विश्व कप टूर्नामेंट में नौ वर्षों बाद कोई पदक जीतने में सफल रहा, जब उसने प्रतियोगिता के 14वें संस्करण में कांस्य पदक के प्लेऑफ मुकाबले में 49वें मिनट तक दो गोल पिछड़ने के बाद जबर्दस्त वापसी की और अंतिम 11 मिनट के भीतर चार गोल ठोकते हुए 2021 के विजेता अर्जेंटीना को 4-2 से शिकस्त दे दी।

जर्मनी आठवीं बार चैम्पियन, स्पेन शूटआउट में परास्त

वहीं गत चैम्पियन जर्मनी ने बेहद रोमांचक फाइनल मुकाबले में निर्धारित समय तक 1-1 की बराबरी के बाद स्पेन को पेनाल्टी शूटआउट में 3-2 से हराकर आठवीं बार खिताब जीत लिया। इससे पहले पांचवें और छठे स्थान के मुकाबले में बेल्जियम ने नीदरलैंड्स को शूटआउट में 4-3 से हराया जबकि सातवें और आठवें स्थान के मुकाबले में फ्रांस ने न्यूजीलैंड को 4-1 से मात दी।

दो बार के पूर्व चैम्पियन तीसरे क्वार्टर तक 2 गोल से पिछड़ रहे थे

दो बार (होबार्ट 2001 और लखनऊ 2016) के पूर्व चैम्पियन और पिछले दो संस्करणों में कांस्य पदक का मुकाबला हारकर चौथे स्थान पर रहे भारत की बात करें तो आज मेयर राधाकृष्णन हॉकी स्टेडियम में घरेलू दर्शकों के सामने भी मेजबान खेमा चिंतित था, जब अर्जेंटीना ने निकोलस रॉड्रिग्ज (पांचवां मिनट) और सैंटियागो फर्नांडिस (44वां मिनट) के गोलों से तीसरे क्वार्टर तक 2-0 की बढ़त ले रखी थी।

अंकित, मनमीत, शारदानंद व अनमोल ने अंतिम 11 मिनट में ठोके 4 गोल

लेकिन अंतिम क्वार्टर का खेल शुरू होते ही भारतीयों ने जोर बांधा और अंकित पाल (49वां मिनट), मनमीत सिंह (52वां मिनट), शारदानंद तिवारी (57वां मिनट) और अनमोल एक्का (58वां मिनट) ने दनादन चार गोल ठोकते हुए टीम की जीत सुनिश्चित कर दी।

अंकित ने 49वें मिनट में मिले पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर भारत का खाता खोला तो 52वें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर पर ही अनमोल एक्का के शॉट पर गेंद डिफ्लैक्ट होकर मनमीत की स्टिक से टकराकर गोल के भीतर गई। स्कोर 2-2 से बराबर होने के बाद लग रहा था कि मैच शूटआउट में जाएगा।

लेकिन आखिरी सीटी बजने से तीन मिनट बाकी रहते भारत को अहम पेनाल्टी स्ट्रोक मिला, जिसे शारदानंद तिवारी ने गोल में बदलकर पहली बार भारत को बढत दिलाई। अर्जेंटीना को अगले मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन इस टूर्नामेंट की खोज रहे गोलकीपर प्रिंसदीप सिंह ने एक बार फिर शानदार बचाव किया। वहीं भारत को 58वें मिनट में मिले पेनाल्टी कॉर्नर को अनमोल इक्का ने गोल में बदलकर मेजबानों की जीत सुनिश्चित कर दी।

पहली बार फाइनल खेल रहे स्पेन ने जर्मनों को कड़ी टक्कर दी

खिताबी मुकाबले का जहां तक सवाल है तो दो बार के पूर्व कांस्य पदक विजेता स्पेन ने जर्मनों को कड़ी टक्कर दी और निर्धारित समय तक स्कोर 1-1 की बराबरी पर रोक रखा था। सेमीफाइनल में भारत की चुनौती तोड़ने वाले जर्मनी के लिए 26वें मिनट में जस्टस वारवेग ने गोल किया जबकि स्पेन के लिए 54वें मिनट में जी कोरोमिनास ने बराबरी का गोल दाग दिया।

अंततः पेनाल्टी शूटआउट में जर्मनी के लिए बेनेडिक्ट गेयेर, एलेक वोन श्वेरिन और बेन हासबाश ने गोल किए जबकि पहली बार फाइनल खेल रहे स्पेन के लिए पाब्लो रोमन और जुआन प्राडो ही गोल कर सके। जर्मनी इसके पूर्व 1982, 1985, 1989, 1993, 2009, 2013 व 2023 में खिताब जीत चुका है वहीं स्पेन अब तक 2005 (रोटरडम) और 2023 (कुआलांपुर) टूर्नामेंट में सिर्फ कांस्य पदक जीता था।

 

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