अहमदाबाद, 13 अप्रैल। पंजाब में सत्ता गंवाने के बाद हरियाणा व उत्तराखंड सहित कुछ अन्य राज्यों में अंतर्कलह से जूझ रही कांग्रेस अब चुनावी राज्य गुजरात में भी बिखराव की कगार पर जाती प्रतीत हो रही है। इस क्रम में गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने अपनी ही पार्टी पर पाटीदारों की उपेक्षा का अरोप लगाया है।
नरेश पटेल को मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहता है पाटीदार समाज
दरसअल, नरेश पटेल को पार्टी में जल्द न शामिल किए जाने को लेकर हार्दिक नाराज चल रहे हैं। एक निजी समाचार चैनल के साथ बातचीत में हार्दिक ने कहा कि पाटीदार समाज नरेश पटेल को गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहता है लेकिन कांग्रेस उन्हें पार्टी में यथाशीघ्र शामिल न कर पाटीदार समाज की उपेक्षा कर रही है।
श्री खोडालधाम ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं नरेश पटेल
56 वर्षीय व्यापारी नरेश पटेल पाटीदार समुदाय से आते हैं। वह श्री खोडालधाम ट्रस्ट के अध्यक्ष भी हैं, जो राजकोट में मौजूद मां खोडियार मंदिर का संचालन करता है। ट्रस्ट के अध्यक्ष के नाते नरेश पटेल की पाटीदार समुदाय के बीच अच्छी पकड़ है।
दिलचस्प तो यह है कि आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेता भी नरेश पटेल से संपर्क कर उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करने का प्रस्ताव दे चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी की तरफ से सी.आर. पाटिल ने नरेश पटेल से मुलाकात कर भाजपा में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था।
नरेश को पार्टी में शामिल करने में हो रहा विलंब हार्दिक की नाराजगी की मुख्य वजह
नरेश पटेल ने बीते दिनों कहा था कि वह मार्च के अंत तक ‘आप’ या कांग्रेस का दामन थाम लेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। माना जा रहा है कि कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान की वजह से नरेश पटेल को शामिल करवाने में देरी हो रही है और हार्दिक पटेल की नाराजगी की यही मुख्य वजह है।
खुद उपेक्षित महसूस कर रहे हार्दिक ने गुजरात कांग्रेस की कार्यप्रणाली पर भी उठाए सवाल
नरेश पटेल के मुद्दे के अलावा हार्दिक पटेल अपनी उपेक्षा से भी नाराज बताए जा रहे हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस की गुजरात इकाई उनकी काबीलियत का ठीक से इस्तेमाल नहीं कर पा रही है। इसके साथ ही उन्होंने गुजरात कांग्रेस के कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं। ज्ञातव्य है कि पाटीदार आंदोलन के जरिए गुजरात ही नहीं बल्कि पूरे देश में चर्चित हुए हार्दिक ने 2017 में राहुल गांधी की मौजदगी में कांग्रेस का हाथ पकड़ा था।