नई दिल्ली, 8 नवंबर। भारत और फ्रांस के बीच अत्याधुनिक लड़ाकू विमान राफेल को लेकर की गई महंगी डील में कथित तौर पर एक नया खुलासा हुआ है कि फ्रांसीसी कम्पनी दसॉल्ट एविएशन ने डील कराने के लिए भारतीय बिचौलिए सुशेन गुप्ता को करीब 65 करोड़ रुपये (75 लाख यूरो) की रिश्वत दी थी। फ्रांस की एक ऑनलाइन पत्रिका ‘मीडियापार्ट’ का कुछ ऐसा ही दावा है और उसका यह भी कहना है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस रिश्वतखोरी की जानकारी होने के बावजूद कोई काररवाई नहीं की।
36 राफेल विमानों के लिए दसॉल्ट एविएशन से 59 हजार करोड़ की हुई थी डील
गौरतलब है कि भाजपानीत केंद्र सरकार ने फ्रांसीसी एयरोस्पेस कम्पनी दसॉल्ट एविएशन से 36 राफेल जेट खरीदने के लिए 23 सितम्बर, 2016 को 59,000 करोड़ रुपये के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले कांग्रेस ने विमान की दरों और कथित भ्रष्टाचार सहित इस सौदे को लेकर कई सवाल खड़े किये थे, लेकिन सरकार ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया था। मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा है।
फ्रांसीसी पत्रिका की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस घूसखोरी में ऑफशोर कम्पनियां, संदिग्ध अनुबंध और फर्जी चालान शामिल हैं। पत्रिका का कहना है कि सीबीआई और ईडी के सहयोगियों के पास अक्टूबर, 2018 से सबूत हैं कि दसॉल्ट ने बिचौलिए सुशेन गुप्ता को कम से कम 65 करोड़ का सीक्रेट कमीशन भुगतान किया है।
भारतीय एजेंसियों ने मामले में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई
मीडियापार्ट के अनुसार कथित फर्जी चालानों से दसाल्ट एविएशन की ओर से गुप्ता को कमीशन का भुगतान करने में सहूलियत हुई। हालांकि, इन दस्तावेजों के मौजूद होने के बावजूद भारतीय एजेंसियों ने मामले में दिलचस्पी नहीं दिखाई और जांच शुरू नहीं की।