नई दिल्ली, 3 नवम्बर। आईसीसी एक दिनी क्रिकेट विश्व कप में भारतीय टीम ने गेंद और बल्ले से अपना धाकड़ प्रदर्शन जारी रखा है और रोहित शर्मा एंड कम्पनी लगातार सातवीं जीत से सबसे पहले सेमीफाइनल में जा पहुंची है।
भारतीय टीम की अब तक की बल्लेबाजी और गेंदबाजी देख विश्व क्रिकेट के दिग्गज भी तारीफ करने के लिए मजबूर हैं। लेकिन पड़ोसी देश पाकिस्तान के कुछ पूर्व खिलाड़ियों और मीडियाकर्मियों को लगता है कि भारतीय गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के पीछे कुछ गड़बड़ है। इस क्रम में एक पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर हसन रजा ने तो एक टीवी शो में अजीबोगरीब बयान दे डाला कि भारतीय गेंदबाजों को विशेष गेंदें दी जा रही हैं, तभी उन्हें इतनी स्विंग मिल रही है।
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारतीय पेसरों – मो. शमी और मो. सिराज ने ऐसा कहर बरपाया कि 358 रनों के लक्ष्य के सामने श्रीलंकाई टीम 55 रनों पर ही बिखर गई थी। शमी ने करिअर बेस्ट गेंदबाजी करते हुए पांच ओवरों में सिर्फ 18 रन देकर जहां पांच विकेट लिए थे वहीं सिराज ने सात ओवरों में 16 रन देकर तीन शिकार किए थे।
दरअसल, पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर हसन रजा से पाकिस्तानी समाचार चैनल ‘एबीएन’ पर एक कार्यक्रम के दौरान एंकर ने पूछा कि क्या भारतीय गेंदबाजों को गेंदबाजी के लिए कुछ विशेष गेंदें दी गई हैं जो उन्हें असाधारण बनाती हैं?
‘भारत को गेंदबाजी के लिए जो गेंदें दी जा रही हैं, उनकी जांच होनी चाहिए‘
जवाब में हसन रजा ने कहा कि शायद दूसरी पारी में बॉल चेंज हो जाती है। जिस तरह से आईसीसी बॉल दे रहा है, या फिर थर्ड अंपायर पैनल दे रहा है, या बीसीसीआई दे रहा है, इसका निरीक्षण होना चाहिए। रजा यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि अंपायर भी भारतीय टीम पर मेहरबान है और कुछ बहुत क्लोज फैसले भारत के पक्ष में गए हैं।
ICC Might Give Different Ball to Indian Bowlers thats why they are Getting Seam and Swing More Than Others.Ex Test Cricketer Hasan Raza.#CWC23 #INDvSL pic.twitter.com/7KCQoaz0Qs
— Hasnain Liaquat (@iHasnainLiaquat) November 2, 2023
हालांकि यह पहला मामला नहीं है, जब भारतीय टीम का शानदार प्रदर्शन देखकर कुछ पाकिस्तानी क्रिकेटर परेशान हुए हों। इससे पहले जब 14 अक्टूबर तो टीम इंडिया ने पाक को अहमदाबाद में पटखनी दी थी, तब टीम के डायरेक्टर मिकी ऑर्थर ने कहा था कि स्टेडियम में पाकिस्तानी टीम को सपोर्ट नहीं मिला। उन्हें इसे आईसीसी की बजाय बीसीसीआई का इवेंट करार दिया था।