नई दिल्ली, 9 फरवरी। दिल्ली हाई कोर्ट ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के कर्मचारियों की कथित जासूसी व फोन टैपिंग से जुड़े धन शोधन के मामले में एनएसई की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण को गुरुवार को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने कहा कि आवेदन स्वीकार किया जाता है। आवेदक को जमानत दी जाती है।
रामकृष्ण को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कथित एनएसई को-लोकेशन घोटाले में गिरफ्तार किया था। उन्हें 14 जुलाई को ईडी ने हिरासत में लिया था। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मौजूदा मामले में उनकी जमानत याचिका का इस आधार पर विरोध किया था कि वह मुख्य साजिशकर्ता थीं।
ईडी के अनुसार, फोन टैपिंग मामला 2009 से 2017 के बीच का है, जब एनएसई के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) रवि नारायण, रामकृष्ण, कार्यकारी उपाध्यक्ष रवि वाराणसी, प्रमुख (परिसर) महेश हल्दीपुर तथा अन्य ने एनएसई तथा उसके कर्मचारियों से धोखाधड़ी करने की कथित साजिश रची थी।
रामकृष्ण ने जमानत याचिका में दलील दी थी कि उनके खिलाफ कोई अनुसूचित अपराध नहीं बनता है और आरोप भी धन शोधन निवारण अधिनियम के दायरे में नहीं आते हैं। रामकृष्ण को 2009 में संयुक्त प्रबंध निदेशक (MD) एनएसई के रूप में नियुक्त किया गया था और 31 मार्च 2013 तक वह पद पर बनी रही। उन्हें एक अप्रैल 2013 को एमडी और सीईओ के रूप में पदोन्नत किया गया। NSE में उनका कार्यकाल दिसंबर 2016 में समाप्त हुआ था।