भुवनेश्वर, 9 जनवरी। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर और राउरकेला में 13 जनवरी से 29 जनवरी तक प्रस्तावित एफआईएच पुरुष हॉकी विश्व कप की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। वैसे तो भारत को रिकॉर्ड चौथी बार इस प्रतियोगिता की मेजबानी मिली है, लेकिन लगातार दूसरी बार मेजबानी करने वाला भी वह पहला देश बन गया है।
तीन बार पहले भी मेजबानी कर चुका है भारत
भारत इसके पूर्व 1982 (मुंबई), 2010 (दिल्ली) और 2018 (ओडिशा) में पुरुष हॉकी विश्व कप की मेजबानी कर चुका है। अब तक चार बार किसी भी देश ने इस प्रतियोगिता की मेजबानी नहीं की है। 2023 का संस्करण किसी एशियाई देश में आयोजित किया जाने वाले सातवां होगा।
भारत ने सिर्फ एक बार 1975 में उपाधि जीती है
भारत ने अब तक सिर्फ एक बार हॉकी विश्व कप जीता है, जब टीम ने 1975 में मलेशिया के कुआलालंपुर में फाइनल में पाकिस्तान पर 2-1 से खिताबी जीत हासिल की थी। हालांकि मेजबान रहते भारत, पाकिस्तान और मलेशिया में से कोई भी देश यह ट्रॉफी जीतने में कामयाब नहीं हुआ।
विश्व कप में दूसरी बार नहीं दिखेगी पाकिस्तानी टीम
पाकिस्तान की बात करें तो उसने चार बार विश्व कप जीतकर रिकॉर्ड बनाया है और अब तक की सबसे सफल विश्व कप टीम है। लेकिन पाकिस्तानी टीम 2023 संस्करण के लिए क्वालीफाई करने में विफल रही। 1971 से शुरू हुए हॉकी विश्व कप के 50 वर्षों के इतिहास में यह सिर्फ दूसरा अवसर है, जब पाकिस्तानी टीम नहीं दिखेगी।
21,000 की क्षमता वाला भारत का दूसरा सबसे बड़ा हॉकी स्टेडियम
भुवनेश्वर के कलिंग स्टेडियम के अलावा राउरकेला में निर्मित बिरसा मुंडा अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम अब 21000 की क्षमता वाला भारत का दूसरा सबसे बड़ा हॉकी स्टेडियम है। चंडीगढ़ 30,000 क्षमता के साथ देश का सबसे बड़ा है।
फाइनल सहित शेष 24 मैच कलिंग स्टेडियम में खेले जाएंगे
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने देश के दूसरे सबसे बड़े हॉकी स्टेडियम बिरसा मुंडा अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम का उद्घाटन किया। प्रख्यात आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा के नाम पर स्थित स्टेडियम को 146 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। राउरकेला विश्व कप के 44 में से 20 मैचों की मेजबानी करेगा जबकि फाइनल सहित शेष 24 मैच कलिंग स्टेडियम में खेले जाएंगे।
चैंपियन बेल्जियम सहित 16 प्रतिभागी टीमों को चार पूल में रखा गया है
हॉकी के इस महासंग्राम में मौजूदा चैंपियन बेल्जियम व प्रथम प्रवेशीद्वय वेल्स व चिली सहित दुनिया के 16 देश विश्व चैंपियन बनने के लिए जोर लगाऐंगे, जिन्हें चार पूल में रखा गया है। पूल ए में ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, फ्रांस, अर्जेंटीना, पूल बी में बेल्जियम, जापान, कोरिया, जर्मनी, पूल सी में नीदरलैंड्स, चिली, मलेशिया, न्यूजीलैंड और पूल डी में भारत, वेल्स, स्पेन व इंग्लैंड की टीमें हैं।
भारत अपना पहला मैच 13 जनवरी को स्पेन से खेलेगा
भारत का पहला मैच स्पेन के खिलाफ 13 जनवरी को बिरसा मुंडा हॉकी स्टेडियम में खेला जाना है। दो दिन बाद भारत का सामना उसी मैदान पर इंग्लैंड से होगा। मेजबानों का तीसरा मैच वेल्स के खिलाफ भुवनेश्वर में होगा।
भारतीय टीम
- गोलकीपर : कृशन बी. पाठक और पीआर श्रीजेश।
- डिफेंडर : हरमनप्रीत सिंह (कप्तान), अमित रोहिदास (उप कप्तान), सुरेंदर कुमार, वरुण कुमार, जरमनप्रीत सिंह और नीलम संजीप सेस।
- मिडफील्डर : विवेक सागर प्रसाद, मनप्रीत सिंह, हार्दिक सिंह, नीलाकांत शर्मा, शमशेर सिंह और आकाशदीप सिंह।
- फॉरवर्ड : मनदीप सिंह, ललित उपाध्याय, अभिषेक और सुखजीत सिंह।
- वैकल्पिक खिलाड़ी : राजकुमार पाल और जुगराज सिंह।