नई दिल्ली, 14 जुलाई। कोरोनारोधी वैक्सीन बना रही पुणे की कम्पनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) सितम्बर माह से रूसी वैक्सीन स्पुतनिक वी का भी उत्पादन शुरू करेगी। इस निमित्त मंगलवार को मंगलवार को रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) और एसआईआई के बीच एक बड़ा करार हुआ।
30 करोड़ वैक्सीन के वार्षिक उत्पादन का लक्ष्य
वैश्विक स्तर पर रूसी वैक्सीन की मार्केटिंग करने वाले आरडीआईएफ ने इस आशय की घोषणा की। करार के तहत सीरम इंस्टीट्यूट में 30 करोड़ वैक्सीन डोज का वार्षिक आधार पर उत्पादन होगा। समझा जाता है कि स्पुतनिक वी को सितम्बर में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की स्वीकृति भी मिल सकती है।
स्पुतनिक वैक्सीन कोरोना के हर वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी : अदार पूनावाला
इस बीच सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने एक बयान में कहा, ‘मैं रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट के साथ काम करके बहुत खुशी महसूस कर रहा हूं। आने वाले महीने में हम ट्रॉयल बेसिस पर वैक्सीन डोज का निर्माण करेंगे, जिसकी शुरुआत सितम्बर महीने से हो जाएगी।’ उन्होंने कहा कि स्पुतनिक वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ काफी सुरक्षित है और यह हर वैरिएंट पर प्रभावी है।
डीसीजीआई से सीरम को मिल चुका है लाइसेंस
गौरतलब है कि भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने गत चार जुलाई को सीरम इंस्टीट्यूट को छोटे पैमाने पर वैक्सीन के उत्पादन और उसकी परीक्षा और परीक्षण का लाइसेंस दिया है। स्पुतनिक वैक्सीन के पहले बैच का सितम्बर में उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। प्रतिवर्ष यहां 30 करोड़ से अधिक खुराक का उत्पादन किया जाएगा।
वैक्सीन उत्पादन के तकनीक का हस्तांतरण सीरम इंस्टीट्यूट को रूस के गामालेया केंद्र से पहले ही हो चुका है। डीसीजीआई द्वारा आयात को मंजूरी दिए जाने के बाद वैक्सीन उत्पादन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। आरडीआईएफ ने इस बाबत जानकारी दी है।
सीरम इस वक्त भारत में वैक्सीन का सबसे बड़ा निर्माता
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया इस वक्त भारत में वैक्सीन का सबसे बड़ा निर्माता है। कम्पनी की पुणे की फैक्ट्री में मौजूदा वक्त कोविशील्ड व कोवावैक्स का निर्माण हो है। नोवावैक्स का भारत में कोवावैक्स नाम दिया गया है। इसके अलावा ब्रिटेन में कोडाजेनिक्स का ट्रायल भी किया जा रहा है।
सीरम इंस्टीट्यूट के अलावा आरडीआईएफ भारत में अन्य कई कम्पनियों के साथ स्पुतनिक वैक्सीन के निर्माण को लेकर समझौता कर चुका है।