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मशहूर फिल्म निर्माता प्रीतीश नंदी का निधन, 73 वर्ष की उम्र में ली आखिरी सांस

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मुंबई, 8 जनवरी। मशहूर कवि, चित्रकार, पत्रकार और निर्माता प्रीतीश नंदी का आज उनके आवास पर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 73 वर्ष के थे। मनोरंजन जगत के एक महशूर कलाकार प्रीतीश के निधन से फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर व्याप्त है और कई हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है।

पत्रकार के रूप में की थी करिअर की शुरुआत

बिहार के भागलपुर में 15 जनवरी, 1951 को जन्मे प्रीतीश नंदी ने अपने करिअर की शुरुआत एक पत्रकार के रूप में की थी। वह अंग्रेजी पत्रिका The Illustrated Weekly of India के संपादक भी रहे थे। साहित्य और पत्रकारिता के अलावा उन्होंने फिल्म निर्माण में भी अपनी पहचान बनाई।

अंग्रेजी में लिखी 40 पुस्तकें

प्रीतीश ने अंग्रेजी में कविता की 40 पुस्तकें लिखी हैं और बंगाली, उर्दू और पंजाबी के अन्य लेखकों की कविताओं का अंग्रेजी में अनुवाद किया है। साथ ही ईशा उपनिषद का एक नया संस्करण भी लिखा है। इसके अलावा उन्होंने कहानियों और गैर-काल्पनिक पुस्तकों के साथ-साथ संस्कृत से शास्त्रीय प्रेम कविताओं के अनुवाद की तीन पुस्तकें भी लिखी हैं।

सुर, कांटे, झंकार बीट्स व चमेली सहित कई लोकप्रिय फिल्में दीं

वर्ष 1990 के दशक में प्रीतीश नंदी ने दूरदर्शन पर ‘द प्रीतीश नंदी शो’ नाम के एक टॉक शो की एंकरिंग भी की थी। उन्होंने अपने प्रोडक्शन हाउस प्रीतीश नंदी कम्युनिकेशंस के तहत सुर, कांटे, झंकार बीट्स, चमेली, हजारों ख्वाहिशें ऐसी और प्यार के साइड इफेक्ट्स सहित कई फिल्मों को प्रोड्यूस किया था।

हाल के दिनों में वेब सीरीज ‘फोर मोर शॉट्स प्लीज’ और एंथोलॉजी सीरीज ‘मॉडर्न लव मुंबई’ को भी प्रोड्यूस किया था। पत्रकारिता, लेखन और फिल्मों में उनके योगदान के लिए सरकार ने उन्हें ‘पद्मश्री’ से भी सम्मानित किया था।

अनुपम खेर ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

इस बीच प्रख्यात फिल्म अभिनेता अनुपम खेर ने प्रीतीश नंदी के निधन की पुष्टि की और अपने एक्स अकाउंट पर फिल्म निर्माता के लिए एक भावनात्मक श्रद्धांजलि लिखी। उन्होंने लिखा, ‘मेरे सबसे प्रिय और करीबी दोस्तों में से एक प्रीतीश नंदी के निधन के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ और स्तब्ध हूं! अद्भुत कवि, लेखक, फिल्म निर्माता और एक बहादुर और अद्वितीय संपादक/पत्रकार! वह मेरी सहायता प्रणाली और मेरी ताकत का एक बड़ा स्रोत थे।’

अनुपम खेर ने आगे लिखा, ‘मुंबई में शुरुआती दिनों में हमने बहुत सी बातें साझा कीं। वह सबसे निडर लोगों में से एक थे। मैंने उनसे बहुत सी चीजें सीखीं, लेकिन हम अक्सर नहीं मिलते थे। मैं कभी नहीं भूलूंगा। मुंबई में मेरे शुरुआती दिनों में ताकत।’

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