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विदेश मंत्री जयशंकर ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा पर मध्य एशियाई देशों का जताया आभार

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नई दिल्ली, 6 जून। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में गत 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करने के लिए मध्य एशियाई देशों का आभार व्यक्त किया है। इसके साथ ही आतंकवाद के खिलाफ साझी प्रतिबद्धता को दोहराया।

डॉ. जयशंकर ने राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को चौथे भारत-सेंट्रल एशिया संवाद के दौरन अपने संबोधन में कहा, ‘मैं सराहना करता हूं कि आपके देशों ने भारत का साथ दिया और इस जघन्य आतंकी हमले की स्पष्ट निंदा की।’

विदेश मंत्री ने भारत और मध्य एशिया के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘भारत अपने मध्य एशियाई देशों से हजारों वर्षों पुराने सभ्यतागत और सांस्कृतिक संबंधों को बहुत सम्मान देता है। व्यापार, विचारों के आदान-प्रदान और लोगों के संपर्क के माध्यम से बने ये रिश्ते समय के साथ और मजबूत हुए हैं।’ उन्होंने बताया कि भारत और मध्य एशिया के बीच आधुनिक कूटनीतिक संबंध 1992 में शुरू हुए थे जिनमें जुलाई, 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभी पांच मध्य एशियाई देशों की यात्राओं के बाद तेजी आई।

उन्होंने इस दौरान बीते दशक में व्यापार और आर्थिक संबंधों में हुई प्रगति को उजागर किया। उन्होंने बताया कि भारत और मध्य एशिया के बीच सीधी उड़ानों और पर्यटकों तथा व्यापारियों की बढ़ती आवाजाही से संपर्क बेहतर हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि बड़ी संख्या में भारतीय छात्र उच्च शिक्षा के लिए मध्य एशियाई देशों का रुख कर रहे हैं, जिससे लोगों के बीच संपर्क और मजबूत हुआ है। भारत की भूमिका एक विश्वसनीय विकास भागीदार के रूप में भी सामने आई है।

एस. जयशंकर ने टेक प्रशिक्षण कार्यक्रमों, ICCR छात्रवृत्तियों और हाई-इंपैक्ट कम्युनिटी विकास प्रोजेक्ट्स का जिक्र किया, जिनके अंतर्गत स्कूलों को कंप्यूटर और अस्पतालों को चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि ये प्रयास भारत की मध्य एशिया के सामाजिक-आर्थिक विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

विदेश मंत्री ने याद दिलाया कि जनवरी, 2022 में भारत और मध्य एशिया के बीच पहला वर्चुअल शिखर सम्मेलन हुआ था, जिससे व्यापार, संस्कृति, सुरक्षा और कूटनीति के क्षेत्र में सहयोग को नया आयाम मिला। इसके अलावा, कल भारत-मध्य एशिया बिजनेस काउंसिल की बैठक में डिजिटल टेक्नोलॉजी, फिनटेक और इंटर-बैंक सहयोग पर भी चर्चा हुई।

उन्होंने व्यापार, निवेश, रक्षा, कृषि प्रसंस्करण, वस्त्र, दवा, क्षेत्रीय संपर्क, सुरक्षा, शिक्षा, संस्कृति और नई तकनीकों जैसे क्षेत्रों में साझेदारी को और गहराने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि यह संवाद हमारे रिश्तों को और नजदीकी, गहराई, मजबूती और व्यापकता देगा और हमारे लोगों के हित में कार्य करेगा।’

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