ठाणे, 3 दिसम्बर। महाराष्ट्र विधानसभा में बंपर जीत के बावजूद मुख्यमंत्री के नाम पर अब तक सहमति न पाने के चलते किरकिरी झेल रही महायुति में सियासी गहमागहमी के बीच कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की तबीयत मंगलवार को फिर बिगड़ गई। उन्हें ठाणे स्थित जुपिटर अस्पताल पहुंचाया गया। हालांकि अस्पताल में चेक-अप के बाद वह घर लौट गए हैं।
गौरतलब है कि शिंदे रविवार को ही सतारा स्थित अपने पैतृक गांव से ठाणे लौटे हैं। वह स्वास्थ्य खराब होने के चलते आराम करने के लिए गांव गए थे। खास बात है कि शिंदे को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी ऐसे समय पर हुई है, जब राज्य में पांच दिसम्बर को प्रस्तावित नई सरकार के शपथ ग्रहण की तैयारियां चल रही हैं।
मीडिया की खबरों के अनुसार अधिकारियों ने जानकारी दी है कि स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं होने के बाद शिंदे को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टर ने उनकी पूरी जांच की। बताया जा रहा है कि ठाणे के ज्यूपिटर अस्पताल से अपना चेक-अप पूरा करने के बाद वह घर लौटे। इससे पहले शिंदे शुक्रवार को भी तेज बुखार के बाद सतारा चले गए थे। उन्होंने लौटने पर बताया था कि वह अब ठीक हैं और आराम के लिए गांव गए थे।
महाराष्ट्र में 5 दिसम्बर को होना है शपथ ग्रहण समारोह
उल्लेखनीय है कि सियासी नाटक के बीच ही महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने गत शनिवार, 30 नवम्बर को शपथ ग्रहण समारोह के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी दी थी। उन्होंने लिखा था कि नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह हुए पांच दिसम्बर को आजाद मैदान पर शाम पांच बजे से होगा। मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि उस दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और दो डिप्टी सीएम शपथ ले सकते हैं। शिंदे के भी शपथ लेने के आसार जताए जा रहे हैं। वहीं बुधवार को भारतीय जनता पार्टी विधायक दल के नेता का एलान कर सकती है।
श्रीकांत शिंदे डिप्टी सीएम की रेस से बाहर
वहीं शिंदे के बेटे एवं शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने सोमवार को इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया में आयी उन खबरों को खारिज किया जिनमें कहा जा रहा है कि वह राज्य में उप मुख्यमंत्री या कोई अन्य मंत्री पद की दौड़ में हैं।
उन्होंने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा, ‘चुनाव परिणामों के बाद सरकार के गठन में थोड़ी देरी हुई है और इसीलिए बहुत सारी अफवाहें उड़ रही हैं और उनमें से एक यह है कि मैं नई सरकार में उप मुख्यमंत्री बनने जा रहा हूं। मैं सभी को बताना चाहता हूं कि यह पूरी तरह से निराधार और झूठ है, इसमें कोई तथ्य नहीं है। मुझे पहले ही लोकसभा चुनाव के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री बनने का मौका मिला था, लेकिन मैंने अपनी पार्टी के संगठन के लिए काम करना चुना और यह अब भी वैसा ही है। मुझे सत्ता के पद की कोई इच्छा नहीं है।’