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ED Raid: जानलेवा कफ सिरप कांड में ईडी की बड़ी कार्रवाई, रांची सहित तीन राज्यों के 25 ठिकानों पर छापा

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रांची, 12 दिसम्बर। झारखंड के रांची में प्रतिष्ठित व्यवसायिक प्रतिष्ठान शैली ट्रेडर्स में जानलेवा कफ सिरप की गैरकानूनी खरीद-बिक्री मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की है। प्रतिष्ठान शैली को अवैध सिरप सप्लाई नेटवर्क का प्रमुख केंद्र माना जा रहा है। रांची में ईडी ने व्यापारी शुभम जयसवाल के तुपुदाना स्थित गोदाम और आवास पर भी छापेमारी की, जहाँ से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए जाने की जानकारी सामने आई है।

शुरुआती जांच में यह संकेत मिले हैं कि शैली ट्रेडर्स के जरिए अवैध कफ सिरप का वार्षिक कारोबार पांच करोड़ रुपये से अधिक का था। जांच अधिकारियों का कहना है कि यह कारोबार दवा सप्लाई चेन का उपयोग कर बड़े पैमाने पर नकली या प्रतिबंधित सिरप को विभिन्न जिलों में पहुंचाया जाता था। ईडी के सूत्रों के अनुसार इस मामले में कई लोगों की वित्तीय गतिविधियों को खंगालना शुरू किया है।

इसी सिलसिले में रांची के सीए विष्णु अग्रवाल भी एजेंसी की जांच के दायरे में आए हैं। उनके खिलाफ आरोप है कि उन्होंने इस नेटवर्क के कुछ सदस्यों के वित्तीय लेनदेन को वैध स्वरूप देने में भूमिका निभाई हो सकती है। पिछले दिनों जानलेवा कफ सिरप की खेप पकड़े जाने के बाद पूरे नेटवर्क का विस्तार सामने आया था, जिसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच शुरू की थी।

ईडी सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं तथा कुछ और व्यापारियों और एजेंटों को तलब किया जा सकता है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की बड़ी कार्रवाई करते हुए झारखंड, उत्तर प्रदेश और गुजरात में एक साथ 25 ठिकानों पर छापेमारी शुरू की। यह कार्रवाई सुबह करीब सात बजे आरंभ हुई।

सूत्रों के अनुसार, ईडी की अलग-अलग टीमों ने लखनऊ, वाराणसी, जौनपुर, सहारनपुर, अहमदाबाद और रांची में एक साथ छापे मारे। जिन व्यापारियों और सप्लाई चेन से जुड़े एजेंटों की भूमिका इस गिरोह में सामने आई है, उन्हें प्राथमिक तौर पर निशाने पर रखा गया है। जांच एजेंसी को संदेह है कि यह नेटवर्क कई प्रदेशों में फैला हुआ है और लंबे समय से अवैध दवा कारोबार का संचालन कर रहा था।

कफ सिरप की तस्करी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की कई शहरों में छापेमारी

उत्तर प्रदेश में कोडीन आधारित कफ सिरप की अवैध तस्करी पर प्रहार करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को छह शहरों में एक साथ छापेमारी की कार्रवाई शुरू की। मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत की गई इस कार्रवाई में एजेंसी ने कुल 25 ठिकानों पर तलाशी ली और कई अहम दस्तावेज जब्त किए। सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार तड़के ईडी की टीमें लखनऊ, वाराणसी, रांची, अहमदाबाद, जौनपुर और सहारनपुर में सक्रिय हुईं।

लखनऊ में एजेंसी ने इस सिंडिकेट से जुड़े माने जा रहे निलंबित एसटीएफ कांस्टेबल आलोक प्रताप सिंह के आलीशान आवास पर लंबी तलाशी ली। सुशांत गोल्फ सिटी स्थित घर से अधिकारी कई संदिग्ध दस्तावेज, बैंक लेनदेन रिकॉर्ड, डिजिटल डिवाइस और कथित हवाला कनेक्शन से जुड़े कागज़ात अपने कब्जे में ले गए। आलोक प्रताप सिंह इस समय एसटीएफ की हिरासत में है।

उधर, इसी मामले में एक दिन पहले पुलिस ने भगोड़े चल रहे दीपक मनवानी के दो साथियों सूरज मिश्रा और प्रीतम सिंह को गिरफ्तार किया। मनवानी को 11 अक्टूबर को ड्रग विभाग और पुलिस की संयुक्त छापेमारी में बड़ी मात्रा में कोडीन सिरप, टैबलेट, कैप्सूल और इंजेक्शन के साथ पकड़ा गया था।

एसीपी कृष्णा नगर रजनीश वर्मा ने बताया कि पूछताछ में मनवानी ने स्वीकार किया था कि अवैध दवाएं वह सूरज और प्रीतम से खरीदकर नशेड़ियों को बेचता था। उसका एक अन्य सहयोगी अरुष सक्सेना अभी भी फरार है। गुरुवार को पुलिस ने सूरज को वीआईपी रोड के पास बैकुंठ धाम से और प्रीतम को बाशाहनगर से दबोचा।

सूरज, सीतापुर के अटरिया सदनपुर का रहने वाला है और ‘न्यू मंगलम आयुर्वेदिक’ नाम की दवा एजेंसी चलाता है। प्रीतम, बहराइच के बड़ी राजा गांव का निवासी है और पुरानिया स्थित पारिवारिक रेस्तरां में काम करता है। कोडीन आधारित दवाओं की अवैध सप्लाई चेन को ध्वस्त करने के लिए एजेंसियों का अभियान लगातार तेज़ हो रहा है। जांच एजेंसियों का कहना है कि यह नेटवर्क राज्य में तेजी से फैल रहा था, जिसे जड़ से खत्म करने के लिए समन्वित कार्रवाई जारी रहेगी।

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