लखनऊ, 2 अगस्त। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने समाजवादी पार्टी (सपा) के जौनपुर से सांसद बाबू सिंह कुशवाहा के खिलाफ शुक्रवार को बड़ी काररवाई की और लखनऊ में उनकी करोड़ों रुपये की जमीन जब्त कर ली। कानपुर रोड पर स्कूटर इंडिया के सामने स्थित इस भूमि पर बाबू सिंह द्वारा संचालित एक हिन्दी अखबार की प्रिंटिंग मशीन लगी है। इस भूमि के साथ कृषि योग्य जमीन भी है।
बाबू सिंह बोले – ‘जब्त की गई जमीन से मेरा कोई वास्ता नहीं‘
उल्लेखनीय है कि बाबू सिंह कुशवाहा मायावती के नेतृत्व वाले बसपा शासनकाल में बहुचर्चिच राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NHRM) घोटाले के मुख्य आरोपितों में शामिल हैं। इसी घोटाले को लेकर ईडी ने उनके खिलाफ काररवाई की है। हालंकि बाबू सिंह कुशवाहा का कहना है कि ईडी ने जिस जमीन को जब्त किया है, वह उनके जानने वाले की है। उस जमीन से उनका (बाबू सिंह) कोई वास्ता नहीं है।
मायावती के शासनकाल में वर्ष 2010 में हुआ था एनएचआरएम घोटाला
एनएचआरएम घोटाला मायावती के शासनकाल में वर्ष 2010 में हुआ था। इस घोटाले के सामने आने के बाद सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की। उसी दरमियान मायावती ने बाबू सिंह कुशवाहा को पहले अपने मंत्रिमंडल और फिर पार्टी से भी बाहर निकाल दिया। इस मामले में बाबू सिंह कुशवाहा जेल की हवा भी खा चुके हैं।
बसपा से निकाले जाने के बाद जन अधिकार पार्टी का गठन किया
अदालत से जमानत होने पर बाबू सिंह ने वर्ष 2016 में राजनीतिक दल जन अधिकार पार्टी का गठन किया और इस दल के बैनर तले उन्होंने चुनाव भी लड़ा, लेकिन चुनाव में उन्हें शिकस्त मिली। इसी बीच ईडी ने एनएचआरएम घोटाले की जांच शुरू कर दी तो बाबू सिंह ने भाजपा का दामन थमा। लेकिन एनएचआरएम घोटाले के आरोपित से नाता जोड़ने को लेकर भाजपा में उनका विरोध हुआ तो उन्होंने भाजपा से दूरी बना ली।
अखिलेश ने बाबू सिंह को लोकसभा में सपा संसदीय दल का उपनेता बनाया है
बीते लोकसभा चुनाव में कुशवाहा ने सपा से नाता जोड़ लिया और जौनपुर सीट से चुनाव जीतकर सांसद बन गए। अखिलेश यादव ने बाबू सिंह कुशवाहा को सपा संसदीय दल का उपनेता बनाया था। इसी के बाद शुक्रवार को ईडी ने लखनऊ में यह काररवाई की है। खैर, सपा नेता ईडी की काररवाई को राजनीति से प्रेरित बता रहे हैं।