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भारत-चीन तनाव : ड्रैगन ने डोकलाम के पास घटाई अपनी सेना की तैनाती

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नई दिल्ली, 7 मार्च। चीन ने सिक्किम के दूसरी तरफ अपनी सेना की तैनाती कम की है। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष जून में चीन ने यहां पर सैनिकों की संख्या दोगुनी कर दी थी, जिसके जवाब में भारतीय सेना ने भी तैनाती बढ़ाई। डोकलाम के पास करीब एक महीने तक तनाव चरम पर था और फिर धीरे-धीरे यह कम हुआ। अब चीन ने वहां तैनाती सामान्य की है। हालांकि भारतीय सेना अलर्ट है।

53-कंबाइंड आर्म्ड ब्रिगेड को सेथांग में वापस भेज दिया गया सूत्रों के अनुसार पिछले वर्ष जून में चीन ने सिक्किम के दूसरी तरफ अपनी दो कंबाइंड आर्म्ड ब्रिगेड यानी सीएबी तैनात कर दी थी। चीन की 52-मीडियम कंबाइंड आर्म्ड ब्रिगेड का हेडक्वॉर्टर चुंबी वैली के पास है और यह हमेशा वहां तैनात रहती है। लेकिन चीन ने जून में यहां 53-लाइट कंबाइंड आर्म्ड ब्रिगेड भी तैनात कर दी थी। सूत्रों का कहना है अब 53-कंबाइंड आर्म्ड ब्रिगेड को उसके पीस लोकेशन सेथांग में वापस भेज दिया गया है।

हम अपनी मुस्तैदी कम नहीं करते

सेना के एक अधिकारी ने बताया, ‘चीन चाहे तैनाती कम करे या ज्यादा, हम अपनी मुस्तैदी कम नहीं करते। पिछले साल चीनी सैनिकों ने यहां टोरसा नाला क्रास किया और जामफेरी रिज की तरफ बढ़ने की कोशिश की। हालांकि भारतीय सेना को एक्शन में देख वह वापस चले गए। जब 2017 में डोकलाम में विवाद हुआ था, तब भी भारत की तरफ से चीन को साफ-साफ कह दिया गया था कि अगर वे टोरसा नाला क्रॉस करेंगे तो हम इसका डटकर बदला लेंगे। चीनी सेना का टोरसा नाला क्रॉस करना इसलिए खतरा है कि अगर चीनी सेना जामफेरी रिज तक पहुंचती है तो इससे भारत के सिलिगुड़ी कॉरिडोर पर खतरा हो जाएगा।’

सिलिगुड़ी कोरिडोर सामरिक रूप से बेहद अहम

भारत का सिलिगुड़ी कोरिडोर सामरिक रूप से बेहद अहम है। इसे चिकन नेक भी कहते हैं। यह बहुत संकरा रास्ता है, जिससे पूरा नॉर्थ ईस्ट देश के बाकी हिस्से से जुड़ता है। डोकलाम सिक्किम-भूटान और तिब्बत का ट्राई जंक्शन है।

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