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दिल्ली विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित : 5 फरवरी को होगा मतदान, 8 फरवरी को परिणाम

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नई दिल्ली, 7 जनवरी। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने आज दिल्ली विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित कर दिया। मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ने विज्ञान भवन में आहूत एक मीडिया कॉन्फ्रेंस में चुनाव कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए पांच फरवरी को वोट डाले जाएंगे और आठ फरवरी को मतगणना के बाद नतीजे सामने आएंगे। चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही दिल्ली में आचार संहिता भी लागू हो गई है।

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ये है पूरा चुनाव कार्यक्रम

निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार 10 जनवरी को अधिसूचना जारी की जाएगी। 17 जनवरी नामांकन की आखिरी तारीख होगी। 18 जनवरी को नामांकन की स्क्रूटनी होगी। 20 जनवरी तक नामांकन वापस लिए जा सकते हैं। पांच फरवरी को एक साथ सभी सीटों पर वोटिंग होगी और तीन दिन बाद यानी आठ फरवरी को सभी सीटों पर काउंटिंग होगी।

चुनाव तारीखों के एलान से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने वोटर लिस्ट में गलत तरीके से नाम जोड़ने, हटाने के आरोपों, ईवीएम पर उठाए जा रहे सवालों और वोटिंग पर्सेंटेज में इजाफे जैसे दावों का एक-एक करके जवाब दिया और बताया कि चुनाव पूरी तरह निष्पक्षता से कराए जा रहे हैं। सीईसी ने दिखाया कि 2020 से 2004 के बीच 21 राज्यों में चुनाव हुए और इनमें से 15 में अलग-अलग दलों की सरकार बनी।

13 हजार से अधिक बूथ बनाए जाएंगे

राजीव कुमार ने बताया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के निमित्त 13033 पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे। सभी की वेबकास्टिंग की जाएगी। इनमें से 70 को महिला मतदान कर्मी संचालित करेंगी। हर बूथ पर औसतन 1191 वोटर्स होंगे। 85 वर्ष से अधिक आयु के लोग घर से वोट कर सकते हैं।

दिल्ली में मतदाताओं का गणित

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि दिल्ली में अब कुल एक करोड़ 55 लाख 24 हजार 858 मतदाता हैं। इनमें कुल 83 लाख 49 हजार 645 पुरुष और 71 लाख 73 हजार 952 महिला मतदाता हैं। थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 1261 है।

पिछले चुनाव का नतीजा

वर्ष 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने लगातार दूसरी बार प्रचंड बहुमत हासिल किया था। ‘आप’ ने 70 में से 62 सीटों पर जीत हासिल की थी। भाजपा आठ सीटें जीतने में कामयाब रही थी जबकि कांग्रेस लगातार दूसरी बार शून्य पर सिमट गई थी। ‘आप’ करीब 54 फीसदी, भाजपा को करीब 39 और कांग्रेस को पांच से कम फीसदी वोट शेयर मिला था।

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