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रक्षा सचिव अजय कुमार ने कहा – भारत को रक्षा उत्पादन क्षेत्र के शीर्ष 5 देशों में शामिल करना अमृतकाल की परिकल्पना

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नई दिल्ली, 22 सितम्बर। भारत के रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार का कहना है कि रक्षा क्षेत्र में ‘मेक-इन-इंडिया’ पहल की ‘क्षमताओं के दोहन’ के प्रयास किए जा रहे हैं और देश के अमृत काल की परिकल्पना भारत को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में दुनिया के शीर्ष पांच देशों में शामिल होते देखना है।

रक्षा उत्पादों के बड़े आयातक देशों की स्थिति को बदलना चाहती है सरकार

अजय कुमार ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में पब्लिक अफेयर्स फोरम ऑफ इंडिया (पीएएफआई) द्वारा आयोजित ‘इंडिया : द न्यू हब ऑफ ग्लोबल मैनुफैक्चरिंग’ संवादात्मक सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि पिछले 75 वर्षों में भारत दुनिया में रक्षा उत्पादों के सबसे बड़े आयातकों में से एक बना हुआ है, लेकिन इस स्थिति को सरकार बदलना चाहती है।

 

रक्षा उत्पादन के एक बहुत बड़े हिस्से पर 5 देशों का दबदबा

उन्होंने कहा कि दुनिया में रक्षा उत्पादन कुछ मुट्ठीभर देशों द्वारा किया जा रहा है और यदि कोई वैश्विक स्तर पर रक्षा उद्योग के बारे में विचार करता है तो पाता है कि रक्षा उत्पादन के एक बहुत बड़े हिस्से पर पांच देशों का दबदबा है। और ये देश हैं – संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य। इसलिए अगले 25 वर्षों में दुनिया में भारत के दबदबे की आकांक्षा रक्षा उद्योग क्षमताओं के विकास से करीब से जुड़ी हुई है। दुनिया में रक्षा उद्योग का समग्र प्रभाव व्यापक है।

भारत ने रक्षा उद्योग में जबर्दस्त गति हासिल की है

अजय कुमार ने कहा, “देश की ‘मेक-इन-इंडिया’ पहल की क्षमता का रक्षा क्षेत्र में उत्पादन और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र, दोनों की दृष्टि से पूरी तरह से दोहन करने के प्रयास किए जा रहे हैं और हम पहले से ही इसका परिणाम देखना शुरू कर चुके हैं। रक्षा उद्योग में काफी उम्मीद है। भारत ने जबर्दस्त गति हासिल की है और हम अगले 25 वर्षों में गति में बढ़ोतरी देख सकते हैं।’’

नई रक्षा प्रौद्योगिकियों के निर्माण में भारत के पास विश्व नेता बनने का अवसर

शीर्ष रक्षा अधिकारी ने कहा कि आज युद्ध का नया रूप डिजिटल क्षेत्र में होने जा रहा है और यह ऐसा क्षेत्र है, जहां भारत में अंतर्निहित ताकत है एवं देश के पास नई रक्षा प्रौद्योगिकियों के निर्माण में विश्व नेता बनने का अवसर है। अपने संबोधन के बाद अलग से उन्होंने यह भी कहा कि रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में भारत पांच शीर्ष देशों में शामिल होना चाहता है।