लखनऊ, 17 जून। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश में निर्माणाधीन रक्षा गलियारे को लेकर बड़ी घोषणा करते हुए कहा है कि इस रक्षा गलियारे में न सिर्फ नट और बोल्ट या स्पेयर पार्ट्स ही नहीं वरन ड्रोन, यूएवी, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध (सिस्टम), विमान व ब्रह्मोस मिसाइलों का भी निर्माण और संयोजन किया जाएगा। शनिवार को यहां आत्मनिर्भर भारत पर आयोजित एक सेमिनार को संबोधित करते हुए उन्होंने यह घोषणा की।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारा (UPDIC) एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसका उद्देश्य विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर भारतीय एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्रों की निर्भरता को कम करना है। उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे की शुरुआत साल 2018 में की गई थी। यूपीडीआईसी के विकास के लिए छह नोड्स – आगरा, अलीगढ़, चित्रकूट, झांसी, कानपुर और लखनऊ की पहचान की गई है।
Speaking at a Seminar on ‘Atmanirbhar Bharat’ in Lucknow.
https://t.co/wB6sUX6rmb— Rajnath Singh (@rajnathsingh) June 17, 2023
‘देश के लिए आत्मनिर्भरता विकल्प नहीं वरन एक आवश्यकता‘
रक्षा मंत्री ने बताया कि विभिन्न संस्थाओं द्वारा यूपीडीआईसी में लगभग 2,500 करोड़ रुपये का निवेश पहले ही किया जा चुका है। उन्होंने देश के लिए आत्मनिर्भरता की आवश्यकता पर भी जोर देते हुए कहा कि यह एक विकल्प नहीं बल्कि एक आवश्यकता है।
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए भारत ने हाल के वर्षों में तेज प्रयास किए
गौरतलब है कि भारत ने पिछले कुछ सालों में रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने के लिए काफी प्रयास किए हैं। इस क्रम में यूपी और तमिलनाडु में रक्षा औद्योगिक गलियारों का निर्माण किया गया है। इन जगहों पर सैन्य जरूरतों के लिए हथियारों के साथ ही वाहनों, और जवानों के लिए उपयोगी साजो सामान का निर्माण भी किया जाएगा।
पीएम मोदी के आगामी अमेरिकी दौरे में बड़ा रक्षा सौदे की संभावना
दरअसल, वर्ष 2020 में चीन के साथ गलवान में हुई झड़प के बाद भारत की तैयारियों में तेजी आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जून महीने में ही अमेरिका जाने वाले हैं। इस दौरान अमेरिका के प्रीडेटर ड्रोन से जुड़ा बड़ा सौदा हो सकता है। करीब तीन अरब अमेरिकी डॉलर के इस सौदे की घोषणा अगले हफ्ते वाशिंगटन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच वार्ता के बाद किए जाने की उम्मीद है।
पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान लड़ाकू विमान के इंजन से जुड़े समझौते पर भी हस्ताक्षर हो सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो दुनिया के सबसे घातक हथियार भारत और अमेरिका मिलकर उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे और तमिलनाडु रक्षा औद्योगिक गलियारे में बनाएंगे।