नई दिल्ली, 30 अप्रैल। गलवान घाटी में वर्ष 2020 में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़पों में शहीद हुए स्वर्गीय नायक दीपक सिंह की पत्नी लेफ्टिनेंट रेखा सिंह शनिवार को चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (ओटीए) में अपना प्रशिक्षण पूरा करने के बाद एक अधिकारी के रूप में भारतीय सेना में शामिल हुईं।
रेखा सिंह को भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में नियुक्त किया गया है और उन्हें पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ एक फ्रंटलाइन बेस पर तैनात किया गया है। यह वही आदेश है, जिसके तहत उनके पति ने गलवान संघर्ष के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया था।
लेफ्टिनेंट सिंह ने चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (ओटीए) में एक साल का अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया। नायक दीपक सिंह बिहार रेजीमेंट की 16वीं बटालियन से थे और उन्हें 2021 में मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया।
सेना ने ट्वीट किया, ‘शहीद नायक (नर्सिंग सहायक) दीपक सिंह की पत्नी महिला कैडेट रेखा सिंह ओटीए से अपना प्रशिक्षण पूरा करने के बाद भारतीय सेना में शामिल हुईं।’ उसने बताया कि नायक दीपक सिंह ने गलवान घाटी में हुई झड़पों में सर्वोच्च बलिदान दिया था।
Woman Cadet Rekha Singh, wife of Late Naik(Nursing Assistant) Deepak Singh, #VirChakra(Posthumous) got commissioned into #IndianArmy after completing her training from #OTA #Chennai. Nk Deepak made the supreme sacrifice during the #Galwan Clashes. pic.twitter.com/zzI3tCnBZj
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) April 29, 2023
रेखा के अलावा, भारतीय सेना ने शनिवार को पांच महिला अधिकारियों को भी आर्टिलरी रेजिमेंट में शामिल किया। मध्य प्रदेश के रीवा जिले की रहने वाली 24 वर्षीय लेफ्टिनेंट रेखा सिंह ने शादी के एक साल के भीतर ही अपने पति को खो दिया था।
After completing their training at #OTA, #Chennai, five women officers were commissioned into the Regiment of Artillery for the first time ever. The Director General of Artillery (Designate), welcomed the Women Officers in the Regiment during the #POP.#IndianArmy… pic.twitter.com/MKbn5xAEMz
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) April 29, 2023
दीपक सिंह को 2021 में मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया
नायक दीपक सिंह को 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ झड़प के बाद मरणोपरांत देश के तीसरे सबसे बड़े युद्ध पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। झड़प में 20 भारतीय सैनिक मारे गए थे। नायक दीपक सिंह ने 30 जवानों की जान बचाई। सिंह को न केवल अपने साथी भाइयों का इलाज करने का श्रेय दिया गया, बल्कि खुद घायल होने के बावजूद चीनी सैनिकों का भी इलाज किया गया। गलवान संघर्ष के दौरान दीपक सिंह को बिहार रेजिमेंट की 16वीं बटालियन में बटालियन नर्सिंग सहायक के रूप में तैनात किया गया था