भोपाल, 22 जुलाई। देश के प्रमुख हिन्दी दैनिक अखबार ‘दैनिक भास्कर’ समूह के भोपाल स्थित मुख्यालय सहित देशभर में कई कार्यालयों व ठिकनों पर आयकर विभाग की टीमों ने गुरुवार को छापेमारी की काररवाई की। विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग ने सुबह एक साथ सभी दफ्तरों पर छापे डाले। पूरा सर्च ऑपरेशन दिल्ली और मुंबई टीम के द्वारा संचालित किया जा रहा है। अंतिम समाचार मिलने तक काररवाई के दौरान समूह के दो दर्जन ठिकानों पर 800 से अधिक आयकर अधिकारी मौजूद थे।
- समूह के मालिकों के आवास पर भी छापे
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आयकर विभाग की यह छापेमारी कर चोरी के मामले में की गई है। भोपाल, नोएडा, जयपुर, इंदौर, मुंबई और पटना समेत देश के सभी जगहों पर स्थित कार्यालयों में यह छापेमारी चल रही है। इसके साथ ही समूह के मालिकों के आवास पर भी छापे की काररवाई की गई है। भास्कर समूह मीडिया बिजनेस के साथ ही दूसरे अन्य कारोबारों से भी जुड़ा हुआ है।
बताया जाता है कि अखबार समूह की तरफ से दिए गए दस्तावेजों से आयकर विभाग संतुष्ट नहीं था। इसके बाद कर चोरी मामले की जांच के लिए यह छापेमारी की गई। हालांकि आयकर विभाग की तरफ से इसे लेकर कोई अधिक जानकारी नहीं दी गई है।
- कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
इस बीच दैनिक भास्कर समूह के ठिकानों पर आयकर छापेमारी को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने इस मोडिफाइड इमरजेंसी करार दिया है।
जयराम रमेश ने एक ट्वीट में लिखा, ‘अपनी रिपोर्टिंग के माध्यम से दैनिक भास्कर ने मोदी शासन के कोविड-19 महामारी के दौरान बड़े पैमाने पर कुप्रबंधन को उजागर किया है। इसकी कीमत उसे अब चुकानी पड़ रही है। अरुण शौरी इसे पहले ही अघोषित आपातकाल की संज्ञा दे चुके है – यह एक संशोधित आपातकाल (मोडिफाइड इमरजेंसी) है।’