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कांग्रेस का आरोप – हार्दिक पटेल बेईमान और अवसरवादी, पिछले 6 वर्षों से भाजपा के संपर्क में थे

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नई दिल्ली/अहमदाबाद, 18 मई। कांग्रेस की गुजरात इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष व पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के इस्तीफे से उबली पार्टी ने उनपर जमकर हमला किया है। गुजरात के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्तिसिंह गोहिल ने हार्दिक को बेईमान व अवसरवादी करार देते हुए आरोप लगाया कि वह पिछले छह वर्षों से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संपर्क में थे। उन्होंने साथ ही यह भी आरोप लगाया हार्दिक के इस्तीफे में उल्लिखित शब्द भाजपा के हैं।

शक्तिसिंह गोहिल ने बुधवार को यहां मीडिया से बातचीत में हार्दिक पटेल पर व्यक्तिगत लाभ के लिए अपने पाटीदार समुदाय को धोखा देने का आरोप लगाया। गोहिल ने कहा कि जब एक निचली अदालत ने हार्दिक के खिलाफ दंगा मामले को वापस लेने के लिए गुजरात सरकार की याचिका को खारिज कर दिया तो राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। इससे साबित होता है कि हार्दिक उनके खिलाफ मामले वापस लेने के लिए भाजपा के संपर्क में थे।

हार्दिक ने भाजपा के साथ पिछले दरवाजे से सौदा किया, जल्द ही पार्टी में शामिल होंगे

गोहिल ने दावा किया कि हार्दिक जल्द ही भाजपा में शामिल होंगे। उन्होंने भाजपा के साथ पिछले दरवाजे से सौदा किया है। हार्दिक ने कांग्रेस के साथ पाटीदार समुदाय को भी धोखा दिया है। गौरतलब है कि तीन वर्ष पहले कांग्रेस में शामिल हुए पटेल ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर गुजरात और गुजरातियों से नफरत करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को पूर्वाह्न पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।

रघु शर्मा बोले – हार्दिक में अनुशासन की कमी थी, धोखाधड़ी की राजनीति में लिप्त थे

वहीं गुजरात राज्य कांग्रेस प्रभारी रघु शर्मा ने अहमदाबाद में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हार्दिक अन्य पार्टियों से मिले हुए थे, उनमें अनुशासन की कमी थी। वह बेईमानी और धोखाधड़ी की राजनीति में लिप्त थे। कांग्रेस ने उन्हें पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान एक स्टार प्रचारक बनाया था। वह अपने भाषणों में भाजपा की आलोचना करते थे। अचानक क्या बदल गया है? वह भाजपा के संपर्क में थे।

पूरी राज्य पार्टी इकाई पर पूर्ण नियंत्रण चाहते थे

रघु शर्मा ने हार्दिक पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें गुजरात कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन वह पूरी राज्य पार्टी इकाई पर पूर्ण नियंत्रण चाहते थे। हार्दिक इसलिए भी नाराज थे कि उन्हें पाटीदार नेता नरेश पटेल के कांग्रेस में शामिल होने की सूचना मिल रही थी। हार्दिक ने सोचा कि नरेश पटेल उनकी जगह लेंगे।

आपका निजी एजेंडा है, तो आप किसी भी व्यवस्था में टिके नहीं रह सकते

शर्मा ने कहा, ‘मैंने देखा है कि हार्दिक में किसी भी राजनीतिक व्यवस्था में रहने के लिए अनुशासन का अभाव है। अगर आपका अपना निजी एजेंडा है, तो आप किसी भी व्यवस्था में टिके नहीं रह सकते। कुछ समय से हार्दिक पार्टी पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे थे। वह चाहते थे कि हम नरेश पटेल को पार्टी में न लें और केवल उनकी बात सुनें। वह राजनीतिक जमीन हासिल करने के लिए राहुल गांधी के करीब रहने की कोशिश करते थे। अब वह नेतृत्व की आलोचना कर रहे हैं। यह दर्शाता है कि वह एक अवसरवादी हैं।’