मुंबई, 5 दिसम्बर। महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री को लेकर पिछले 10 दिनों से चल रहा सस्पेंस अंततः गुरुवार को खत्म हो गया, जब देवेंद्र फडणवीस ने तीसरी बार राज्य के सीएम के रूप में शपथ ले ली। उनके साथ दो डिप्टी सीएम – एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने भी पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।
4 मुख्यमंत्रियों के अधीन डिप्टी सीएम रहे हैं जूनियर पवार
फिलहाल इन सबमें चर्चा के केंद्र बिंदु अजित दादा पवार ही रहे, जिन्होंने अपने राजनीतिक करिअर में कई बार सीएम पद के लिए निगाहें गड़ाई थीं। लेकिन एक बार फिर उन्हें दूसरे सबसे महत्वपूर्ण पद (डिप्टी सीएम) से ही संतोष करना पड़ा।
आज मुंबईतील आझाद मैदान येथे देशाचे पंतप्रधान मा.श्री. नरेंद्र मोदीजी यांच्या प्रमुख उपस्थितीत शपथ विधी सोहळा उत्साहात पार पडला.
यावेळी महाराष्ट्र राज्याच्या उपमुख्यमंत्री पदाची शपथ घेतली. कायद्याद्वारे स्थापित झालेल्या भारतीय संविधानाबद्दल मी खरी श्रद्धा आणि निष्ठा बाळगेन.… pic.twitter.com/qGK3Hv0Bex
— Ajit Pawar (@AjitPawarSpeaks) December 5, 2024
चाचा शरद पवार के संरक्षण में पले-बढ़े व राजनीति के गुर सीखे
इस सचाई से भी कोई इनकार नहीं कर सकता कि अजित पवार अपने चाचा व मराठा छत्रप शरद पवार के संरक्षण में पले-बढ़े और उनकी छत्रछाया में ही राजनीति के गुर सीखे, लेकिन अपने जीवन के शुरुआती दिनों में ही महाराष्ट्र की राजनीति में अपनी जगह बनाने में सफल रहे।
|| परिश्रमेण सफलता अवश्यं लभते ||
महाराष्ट्राच्या मुख्यमंत्री पदी विराजमान झालेले मा. श्री. @Dev_Fadnavis जी आणि माझ्यासह उपमुख्यमंत्री पदाची शपथ घेणारे मा. श्री. @miEknathShinde जी यांचं मनःपूर्वक अभिनंदन!
महायुती सरकार राज्याला विकासाच्या वाटेवर नव्या उंचीवर घेऊन जाईल, यात… pic.twitter.com/zcHVmS8OoN
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कुशल प्रशासक के रूप में जाने जाते हैं बारामती से 8 बार के विधायक
वस्तुतः अजित पवार राजनीति के तूफानों में कई बार मुश्किलों में फंसे हैं, लेकिन उन्हें बारामती से आठ बार के विधायक और एक कुशल प्रशासक के रूप में जाना जाता है। चुनाव मैनेजमेंट और लीडरशिप में उनके अनुभव ने उन्हें जबर्दस्त लोकप्रियता दिलाई है।
महाराष्ट्र में 1978 से शुरू हुई डिप्टी सीएम की परंपरा
देखा जाए तो महाराष्ट्र में उप मुख्यमंत्री पद की परंपरा 1978 से शुरू हुई। नासिकराव तिरपुडे महाराष्ट्र के पहले उप मुख्यमंत्री थे। उसके बाद कई नेताओं ने अलग-अलग समय पर डिप्टी सीएम के तौर पर काम किया। हालांकि अजित पवार ने छठी बार यह पद संभालने के साथ नया रिकॉर्ड बना दिया।
मी खरंच भाग्यवान..!
आईचा आशीर्वाद आणि कुटुंबाची मला भक्कम साथ..!आज उपमुख्यमंत्री पदाची शपथ घेतल्यानंतर आईनं, बहिणीनं आणि पत्नीनं औक्षण करून माझं स्वागत केलं. मुलांनी सुद्धा भरभरून शुभेच्छा दिल्या. माझ्यासाठी याहून मोठा आनंद कोणताच नाही. pic.twitter.com/VNkfjQ151r
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10 नवम्बर, 2010 को पहली बार ली थी उप मुख्यमंत्री पद की शपथ
नवम्बर 2004 में, आरआर पाटिल ने उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और चार वर्ष से ज्यादा समय तक इस पद पर रहे। उन्होंने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद इस्तीफा दे दिया। इसके बाद छगन भुजबल को उप मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया, जो 10 नवम्बर 2010 तक पद पर रहे। भुजबल के बाद सख्त प्रशासक की छवि रखने वाले अजित पवार ने पहली बार उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और तब से वह छह बार उप मुख्यमंत्री रहे हैं।
Thank you Hon'ble PM Shri @NarendraModi ji for your warm and wonderful wishes.
We shall leave no stone unturned to fulfill the aspirations of our dear sisters and brothers, ensuring a prosperous future for all. https://t.co/LuoDsG1eQU
— Ajit Pawar (@AjitPawarSpeaks) December 5, 2024
दरअसल, नवम्बर 2010 में अजित पवार ने चाचा शरद पवार के खिलाफ जाकर छगन भुजबल को उप मुख्यमंत्री बनाने का विरोध किया था। सितम्बर 2012 में 70,000 करोड़ रुपये के सिंचाई घोटाले में नाम आने के बाद भुजबल को इस्तीफा देना पड़ा था। हालांकि, तीन महीने बाद ही वह ‘क्लीन चिट’ के साथ सरकार में लौट आए।
चार मुख्यमंत्रियों के नेतृत्व में एक उप मुख्यमंत्री
- अजित पवार ने पहली बार 10 नवम्बर, 2010 को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तब पृथ्वीराज चह्वाण मुख्यमंत्री थे। इसके बाद वह 25 सितम्बर, 2012 तक उप मुख्यमंत्री रहे। फिर उन्होंने पृथ्वीराज चह्वाण के ही नेतृत्व में 25 अक्टूबर, 2012 को डिप्टी सीएम पद की शपथ ली और 26 सितम्बर 2014 तक इस पद पर रहे।
- 23 नवम्बर, 2019 से 26 नवम्बर 2019 तक अजित पवार तीसरी बार उप मुख्यमंत्री रहे। तब उन्होंने देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में शपथ ली थी, लेकिन वह सरकार महज 80 घंटे में ही गिर गई। इस सरकार के पतन के तुरंत बाद 30 नवम्बर, 2019 से 29 जून, 2023 तक वह उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे।
- अजित पवार ने जून, 2023 में चाचा शरद पवार के खिलाफ विद्रोह कर दिया और महाविकास अघाड़ी से हट गए। इसके बाद उन्होंने 2 जुलाई, 2023 से 26 नवम्बर, 2024 तक एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में देवेंद्र फडणवीस के साथ उप मुख्यमंत्री का पद संभाला। अब उन्होंने 5 दिसम्बर, 2024 को एकनाथ शिंद के साथ छठी बार उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।