नई दिल्ली, 25 अगस्त। केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश और पंजाब में अगले वर्ष प्रस्तावित विधानसभा चुनावों के पूर्व गन्ना किसानों को बड़ा तोहफा प्रदान करते हुए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) बढ़ाकर 290 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है, जो अब तक का उच्चतम है। इससे पहले एफआरपी 285 रुपये प्रति क्विंटल थी।
वाणिज्य, उपभोक्ता मामले, खादय और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने चीनी सीजन 2021-22 (अक्टूबर-सितम्बर) के लिए इसे स्वीकृति प्रदान की।
5 करोड़ गन्ना किसानों और उनके आश्रितों को लाभ होगा
पीयूष गोयल ने बताया कि मंत्रिमंडल के इस फैसले से पांच करोड़ गन्ना किसानों और उनके आश्रितों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि इस फैसले का लाभ चीनी मिलों के पांच लाख कामगारों और उनसे जुड़ी गतिविधियों में शामिल लोगों को भी मिलेगा।
गोयल ने बताया कि केंद्र सरकार ने किसानों को गन्ने का लाभकारी मूल्य दिलाने और गन्ने के जल्द भुगतान के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। गन्ने के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं। सरकार एथनॉल का उत्पादन बढाने के लिए भी काम कर रही है, इससे किसानों को लाभ होगा।
आगामी चीनी सत्र के लिए गन्ने की उत्पादन लागत 155 रुपये प्रति क्विंटल
चीनी सीजन 2021-22 के लिए गन्ने की उत्पादन लागत 155 रुपये प्रति क्विंटल है। 10% की वसूली दर पर 290 रुपए प्रति क्विंटल की यह एफआरपी उत्पादन लागत से 87.1% अधिक है, यह किसानों को उनकी लागत पर 50% से अधिक का रिटर्न देने के वादे को भी सुनिश्चित करती है।
मौजूदा सत्र में चीनी मिलों ने 2,976 लाख टन गन्ना खरीदा
वर्तमान चीनी सीजन 2020-21 में 91 हजार करोड़ रुपये मूल्य के करीब 2,976 लाख टन गन्ने की चीनी मिलों द्वारा खरीद की गई, जो अब तक का उच्चतम स्तर है और न्यूनतम समर्थन मूल्य के मामले में धान की फसल की खरीद के बाद दूसरे स्थान पर है।
आगामी चीनी सीजन 2021-22 में गन्ने के उत्पादन में अपेक्षित वृद्धि को ध्यान में रखते हुए चीनी मिलों द्वारा लगभग 3,088 लाख टन गन्ना खरीदे जाने की संभावना है। गन्ना किसानों को किए जाने वाला कुल प्रेषण एक लाख करोड़ रुपये होगा। सरकार अपने किसान हितैषी उपायों के माध्यम से यह सुनिश्चित करेगी कि गन्ना किसानों को उनकी बकाया धनराशि समय पर मिले।