नई दिल्ली, 14 नवंबर। विपक्ष की ओर से जारी आलोचनाओं के बीच केंद्र सरकार ने रविवार को एक अहम फैसले के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के प्रमुखों का कार्यकाल बढ़ाने का फैसला किया है। अब इनका कार्यकाल बढ़ाकर अधिकतम पांच वर्षों का कर दिया गया है।
कार्यकाल बढ़ाने के लिए मोदी सरकार ने जारी किया अध्यादेश
दरअसल, मोदी सरकार ने ईडी और सीबीआई के निदेशकों का कार्यकाल पांच वर्षों तक बढ़ाने के लिए अध्यादेश जारी किया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोनों अध्यादेशों पर हस्ताक्षर भी कर दिए हैं।
पहले 2 वर्षों के लिए नियुक्ति, फिर एक-एक वर्ष का 3 विस्तार
नए अध्यादेशों के अनुसार सीबीआई और ईडी के प्रमुखों की नियुक्ति पहले दो वर्षों के लिए की जाएगी। इसके बाद उन्हें एक-एक वर्ष का तीन सेवा विस्तार दिया जा सकता है। लेकिन कुल सेवाकाल अधिकतम पांच वर्ष से अधिक नहीं होना चाहिए।
केंद्र सरकार ने यह कदम संसद के शीतकालीन सत्र से ठीक पहले उठाया है और वह इन अध्यादेशों को संसद के पटल पर रख सकती है। अभी ईडी और सीबीआई के चीफ का कार्यकाल दो वर्षों का होता है। देश में सीबीआई के मौजूदा चीफ सुबोध जायसवाल हैं जबकि ईडी का प्रभार संजय कुमार मिश्र के पास है। इनमें संजय मिश्र का दो वर्ष का कार्यकाल अगले हफ्ते 17 नवंबर को खत्म होने वाला है।
गौरतलब है कि सरकार की ओर से ये अध्यादेश ऐसे समय में लाए गए हैं, जब विपक्ष केंद्रीय जांच एजेंसियों के लगातार दुरुपयोग का केंद्र पर आरोप लगा रहा है। हालांकि सरकार इन आरोपों को सिरे से नकार रही है।