नई दिल्ली, 17 जून। केंद्र सरकार ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं कक्षा की परीक्षाओं के लिए ग्रेड/अंक देने के लिए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपना मूल्यांकन फॉर्मूला प्रस्तुत कर दिया। इस फॉर्मूले के तहत 12वीं कक्षा के परिणाम कक्षा 10 (30% वेटेज), कक्षा 11 (30% वेटेज) और कक्षा 12 (40% वेटेज) में प्रदर्शन के आधार पर तय किए जाएंगे। इसके साथ ही 31 जुलाई तक परिणाम घोषित करने की बात भी कही गई है।
- असंतुष्ट छात्रों को परीक्षा देने की अनुमति मिलेगी
न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की खंडपीठ को अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने बताया कि मूल्यांकन के फॉर्मूले से असंतुष्ट सीबीएसई छात्रों को 12वीं कक्षा की परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा, जो महामारी के हालात में सुधार होने पर कराई जाएगी।
- छात्रों की शिकायत के निदान के लिए गठित होगी समिति
सर्वोच्च न्यायालय ने वेणुगोपाल से सीबीएसई की योजना में विवाद समाधान की व्यवस्था की रूपरेखा प्रस्तुत करने को कहा ताकि छात्रों की शिकायतों पर सुनवाई की जा सके। वेणुगोपाल ने पीठ को आश्वस्त किया कि छात्रों की किसी भी चिंता के निदान के लिए एक समिति गठित की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने नतीजों की घोषणा और 12वीं कक्षा की प्रस्तावित परीक्षा कराने के लिए समयसीमा भी स्पष्ट करने को कहा। न्यायालय ने कहा कि उसने कुछ याचिकाकर्ताओं की दलीलों को भी खारिज कर दिया है कि बोर्ड परीक्षाएं रद कराने का फैसला वापस लिया जाना चाहिए। अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि परिणाम की घोषणा 31 जुलाई 2021 तक की जाएगी।
वेणुगोपाल 12वीं कक्षा के लिए अंतिम अंक प्रदान करने के संबंध में बताया कि इसके लिए विभिन्न स्कूलों द्वारा अपनाए गए मार्किंग मैकेनिज्म (अंक देने की प्रणाली) में अंतर को देखने के लिए एक मॉडरेशन कमेटी बनाई जा सकती है। उन्होंने अदालत को बताया कि प्रत्येक स्कूल को तीन परीक्षाओं में प्राप्त छात्रों के अंकों पर विचार करने के लिए एक परिणाम समिति बनानी होगी, जिसकी सीबीएसई की मॉडरेशन कमेटी जांच करेगी।
गौरतलब है कि सीबीएसई ने 12वीं बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट का मूल्यांकन फॉर्मूला तय करने के लिए एक कमेटी बनाई थी। 12 सदस्यीय विशेषज्ञों की समिति की रिपोर्ट के आधार पर मूल्यांकन फॉर्मूला बनाया गया है।