नई दिल्ली/इम्फाल, 27 जुलाई। मणिपुर के कांगपोकपी जिले में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने के वायरल वीडियो के मामले की जांच गृह मंत्रालय ने अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने का फैसला किया है। इसके साथ ही केंद्र सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर वायरल वीडियो मामले की सुनवाई मणिपुर से बाहर कराने का अनुरोध करेगा।
मामले की सुनवाई मणिपुर से बाहर कराने का सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध करेगा केंद्र
गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि सुनवाई पड़ोसी राज्य असम की अदालत में कराने का अनुरोध किया जाएगा। अधिकारियों ने यह भी कहा कि गृह मंत्रालय मेइती और कुकी समुदायों के संपर्क में है तथा मणिपुर में शांति बहाली के लिए बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है।
वीडियो शूट करने वाला व्यक्ति गिरफ्तार, मोबाइल जब्त
इस बीच शीर्ष सरकारी सूत्रों ने बताया कि जिस मोबाइल फोन से मणिपुर की महिलाओं का वायरल वीडियो शूट किया गया था, उसे बरामद कर लिया गया है और वीडियो शूट करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है।
सूत्रों ने बताया कि मणिपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है, लेकिन सामान्य नहीं है। लगभग 35,000 सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। दवा और दैनिक आपूर्ति की कोई कमी नहीं है, खाद्य और आवश्यक आपूर्ति की कीमतें नियंत्रण में हैं। बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी काम पर लौट रहे हैं और स्कूल भी फिर से शुरू हो रहे हैं।
गत 4 मई को हुई थी शर्मनाक घटना
गौरतलब है कि मणिपुर की यह शर्मनाक घटना चार मई की है और इसका 26 सेकेंड का वीडियो 19 जुलाई को सामने आया, जिसके बाद से देशभर में जबर्दस्त हंगामा मचा हुआ है। इस मामले में अब तक छह आरोपित गिरफ्तार हो चुके हैं, जिनमें एक नाबालिग भी शामिल है।
विडम्बना देखिए कि जिन दो महिलाओं के साथ यह शर्मनाक घटना हुई, उनमें से एक भारतीय सेना के पूर्व जवान की पत्नी है, जिसने असम रेजिमेंट में सूबेदार के रूप में सेवाएं दी थीं और करगिल युद्ध में भी हिस्सा लिया था।
मणिपुर हिंसा में अब तक 160 से अधिक मौतें
गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग को लेकर मेइती समुदाय द्वारा पहाड़ी जिलों में तीन मई को आयोजित ‘ट्राइबल सॉलिडारिटी मार्च’ (आदिवासी एकजुटता मार्च) वाले दिन मणिपुर में जातीय हिंसा भड़की थी और उस हिंसा की आग में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि तमाम लोग घायल हुए हैं। मणिपुर में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इम्फाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी समुदाय के आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे पहाड़ी जिलों में रहते हैं।