गुवाहाटी, 14 मार्च। असम के पुलिस महानिदेशक जी पी सिंह ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे सड़कों पर हिंसा के बजाय शांतिपूर्ण और संवैधानिक तरीकों से मुद्दों को हल करें। पुलिस महानिदेशक सिंह का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब राज्य में विभिन्न संगठन नागरिकता (संशोधन) अधिनियम अथवा सीएए के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं और राज्य भर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जा रही है।
पूर्वोत्तर के आठ राज्यों के छात्र संघों की शीर्ष संस्था ‘नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन’ (एनईएसओ) ने बुधवार को पूरे क्षेत्र में सीएए के नियमों की प्रतियां जलाईं और कानून को तत्काल रद्द करने की मांग की। वहीं ‘ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन’ (एएएसयू) ने भी दिन में सभी जिला मुख्यालयों में ‘सत्याग्रह’ किया।
केंद्र सरकार द्वारा सीएए के अधिसूचित नियमों के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से प्रताड़ित होकर 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आये हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी।
पुलिस महानिदेशक ने बुधवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘31 जनवरी 2023 से असम सरकार द्वारा प्रतिष्ठित असम पुलिस का नेतृत्व करने का अवसर दिए जाने के बाद, मैं प्रत्येक पुलिसकर्मी के सभी प्रमाणिक कार्यों के लिए जिम्मेदार और जवाबदेह हूं।’’ सिंह ने कहा,‘‘ मजबूत नेतृत्व में टीम असम के लोगों को शांतिपूर्ण माहौल में रखने के लिए प्रतिबद्ध है।’’