कोलकाता, 27 जुलाई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पश्चिम बंगाल स्कूल नौकरी घोटाले में ममता बनर्जी सरकार के वाणिज्य मंत्री पार्थ चटर्जी के साथ गिरफ्तार की गईं उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी ने पूछताछ में कहा है कि मंत्री पार्थ चटर्जी अपने अवैध धन और गोपनीय दस्तावेजों को रखने के लिए उनके घर का इस्तेमाल किया करते थे।
हफ्ते-10 दिन में एक बार अर्पिता के घर आते थे पार्थ चटर्जी
पार्थ अवैध पैसे रखने के लिए एक और करीबी महिला मित्र के घर का प्रयोग करते थे
इसके अलावा अर्पिता ने एक और सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा, ‘पार्थ चटर्जी केवल मेरे साथ ही नहीं बल्कि एक और महिला के घर का प्रयोग अवैध पैसों को रखने के लिए किया करते थे और वह महिला उनकी बेहद करीबी मित्र भी है।’
छापेमारी में बरामद दो डायरियों से हो सकते हैं घोटाले से जुड़े महत्वपूर्ण खुलासे
इस खुलासे के अलावा एक और बात सामने आ रही है कि प्रवर्तन निदेशालय ने अर्पिता मुखर्जी के घर में छापेमारी के दौरान दो ऐसी डायरियां बरामद की हैं, जिसके बारे में एजेंसी दावा कर रही है कि उन डायरियों के जरिये वह डब्ल्यूबीएसएससी घोटाले से जुड़े महत्वपूर्ण खुलासे कर सकती है।
ईडी सूत्रों के मुताबिक बरामद की गई डायरियों में कई ऐसी बातें लिखी हैं, जो कथित तौर पर पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) भर्ती अनियमितताओं के बारे में हैं। इस घोटाले में पार्थ चटर्जी पर आरोप है कि शिक्षकों की भर्ती के लिए उनसे अवैध धनराशि ली गई है।
डिकोडिंग विशेषज्ञों की मदद ली जा रही
इस बीच डायरी में लिखी बातों को समझने के लिए डिकोडिंग विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। ईडी का प्रयास है कि तीन अगस्त से पहले डायरी में लिखी बातों को डिकोड करवाना है, ताकि वो पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी के हिरासत में रहते उस विषय में पूछताछ कर सके।
डायरी की लिखावट पार्थ या अर्पिता की राइटिंग से मेल नहीं खा रही
लेकिन इसके साथ ही ईडी अधिकारियों का यह भी कहना है कि डायरी की लिखावट पार्थ चटर्जी या अर्पिता मुखर्जी की राइटिंग से मेल नहीं खा रही है, इससे संदेह पैदा हो रहा है कि इस पूरे मामले में कोई तीसरा शख्स भी शामिल हो सकता है। ईडी ने इस समय पार्थ चटर्जी को कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके साल्ट लेक स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित अपने दफ्तर में रखा है, जहां उनके लिए अस्थायी लॉकअप बनाया गया है।