नई दिल्ली, 10 मई। भारतीय सेना ने फैसला किया है कि एक अगस्त से ब्रिगेडियर और उससे ऊपर के रैंक के अधिकारियों की एक समान वर्दी होगी, भले ही उनका मूल कैडर और नियुक्ति कुछ भी हो। सैन्य सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि यह फैसला हाल ही में संपन्न सेना कमांडरों के सम्मेलन के दौरान विस्तृत चर्चा और सभी हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद लिया गया। यह निर्णय एक अगस्त से प्रभावी होगा।
एक सैन्य सूत्र ने बताया, ‘भारतीय सेना ने रेजिमेंट की सीमाओं से परे, वरिष्ठ नेतृत्व के बीच सेवा मामलों में सामान्य पहचान और दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए ब्रिगेडियर और उससे ऊपर के रैंक के अधिकारियों के लिए एक समान वर्दी अपनाने का फैसला किया है। यह भारतीय सेना की निष्पक्ष और न्यायसंगत संगठन होने की खासियत को और भी सशक्त करेगा।’
फ्लैग-रैंक अधिकारी अब कोई कमरबंद नहीं पहनेंगे
सूत्रों ने बताया कि फैसले के तहत वरिष्ठ अधिकारियों की टोपी, कंधे पर बैज, गोरगेट पैच, बेल्ट और जूते का मानकीकरण किया जाएगा। फ्लैग-रैंक अधिकारी अब कोई पट्टा (कमरबंद) नहीं पहनेंगे। कर्नल और नीचे के रैंक के अधिकारियों की वर्दी में कोई बदलाव नहीं होगा। भारतीय सेना में ब्रिगेडियर और ऊपर के अधिकारी वे होते हैं, जो पहले से ही यूनिट और बटालियनों की कमान संभाल चुके होते हैं और उनमें से ज्यादातर मुख्यालय या प्रतिष्ठानों में तैनात होते हैं, जहां सभी अंगों और सेवाओं के अधिकारी एक साथ काम करते हैं और कार्य करते हैं।
पिछले वर्ष सेना ने अपने सभी सैनिकों के लिए नई ‘युद्धक वर्दी’ पेश की थी
बताया जा रहा है कि भारतीय सेना की सच्ची प्रकृति को दर्शाते हुए एक मानक वर्दी वरिष्ठ रैंक के सभी अधिकारियों के लिए एक सामान्य पहचान सुनिश्चित करेगी। विभिन्न प्रकार की वर्दी और साज-सज्जा का भारतीय सेना के संबंधित अंगों, रेजिमेंट और सेवाओं से विशिष्ट संबंध है। पिछले वर्ष सेना ने अपने सभी सैनिकों के लिए नई ‘युद्धक वर्दी’ पेश की थी।