अयोध्या, 30 दिसम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राम नगरी अयोध्या को 15,700 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात देने के साथ ही उन विरोधियों को जवाब भी दिया, जो ये आरोप लगाते रहे हैं कि केवल हिन्दू तीर्थ स्थलों का ही विकास हो रहा है। लगभग चार घंटे के अयोध्या दौरे में पुनर्विकसित अयोध्या धाम जंक्शन रेलवे स्टेशन व इंटरनेशनल महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट के उद्घाटन के उपरांत कुल 46 विकास परियोजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास के अवसर पर आयोजित विशाल रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने ये बातें कहीं।
प्रधानमंत्री @narendramodi ने अयोध्या में 15,700 करोड़ रुपये से अधिक की 46 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास/लोकार्पण किया#Ayodhya pic.twitter.com/z5VGif0Mf1
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) December 30, 2023
पीएम मोदी ने कहा कि एक समय था, जब रामलला टेंट में विराजमान थे। आज पक्का घर केवल रामलला को ही नहीं देश के चार करोड़ गरीबों को भी मिला है। आज भारत अपने तीर्थों को भी संभाल रहा है तो डिजिटल टेक्नोलॉजी में भी आगे बढ़ रहा है। देश में 30 हजार से ज्यादा पंचायत भवन भी बन रहे हैं।
‘देश में विकास की नव्यता दिख रही है तो विरासत की भव्यता भी दिखेगी‘
प्रधानमंत्री ने कहा कि केवल केदारधाम का पुनरोद्धार नहीं हुआ है वरन तीन सौ से ज्यादा मेडिकल कॉलेज भी बने हैं। उज्जैन के महाकाल का उद्धार ही नहीं हुआ है बल्कि नल जल योजना से दो हजार से ज्यादा टंकियां बनाई गई हैं। जल थल को हम नाप रहे हैं तो पौराणिक मूर्तियों को भी विदेशों से वापस ला रहे हैं। आज यहां प्रकृति का उत्सव है तो आगे परंपरा का उत्साह भी होगा। विकास की नव्यता दिख रही है तो विरासत की भव्यता भी दिखेगी। यही विरासत देश को आगे ले जाएगी।
‘देश को विकास की नई ऊंचाई पर पहुंचना है तो अपनी विरासत को संभालना ही होगा‘
उन्होंने कहा, ‘दुनिया में कोई भी देश हो, यदि उसे विकास की नई ऊंचाई पर पहुंचना है तो अपनी विरासत को संभालना ही होगा। हमारी विरासत हमें प्रेरणा देती है। हमें सही मार्ग दिखाती है। आज का भारत पुरातन और नूतन दोनों को आत्मसात करते हुए आगे बढ़ रहा है।’
देशवासियों से 22 जनवरी को अयोध्या न आने की अपील की
प्रधानमंत्री ने कहा, ’22 जनवरी का इंतजार सभी लोग कर रहे हैं। मैं भी उस तारीख के लिए उत्साहित हूं। लेकिन मेरी सभी देशवासियों से एक करबद्ध प्रार्थना है कि 22 जनवरी को अयोध्या आने का मन न बनाएं। हर किसी की इच्छा है कि 22 जनवरी का साक्षी बनने के लिए वे (लोग) स्वयं अयोध्या आएं, लेकिन आप भी जानते हैं कि हर किसी का आना संभव नहीं है। अयोध्या में सबका पहुंचना बहुत मुश्किल है, इसलिए देशभर के राम भक्तों को, विशेषकर उत्तर प्रदेश के राम भक्तों से हाथ जोड़कर प्रणाम के साथ प्रार्थना है, आग्रह है कि 22 जनवरी को विधि पूर्वक कार्यक्रम हो जाने के बाद 23 जनवरी के बाद अपनी सुविधा के अनुसार अयोध्या आएं। अयोध्या आने का मन 22 जनवरी को न बनाएं।’
22 जनवरी के लिए सभी रामभक्तों से प्रधान सेवक @narendramodi ने की ये अपील….
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सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘प्रभु राम जी को तकलीफ हो, ऐसा हम भक्त कर नहीं सकते। प्रभु श्री राम जी पधार रहे हैं तो हम भी कुछ दिन इंतजार करें। साढ़े पांच सौ साल इंतजार किया है तो कुछ दिन और इंतजार करें। इसलिए सुरक्षा और व्यवस्था के लिहाज से मेरी आप सबसे बार-बार प्रार्थना है कि कृपा करके आप 22 जनवरी को अयोध्या आने का मन न बनाएं। प्रभु राम के दर्शन, अयोध्या का नव्य, भव्य, दिव्य मंदिर आने वाली सदियों तक दर्शन के लिए उपलब्ध है।’
’22 जनवरी को अपने घरों में श्रीराम ज्योति जलाएं, दीपावली मनाएं‘
उन्होंने यह भी कहा, ‘मैं 140 करोड़ देशवासियों से अयोध्या की इस पवित्र भूमि से प्रार्थना कर रहा हूं, प्रभु राम की नगरी से प्रार्थना कर रहा हूं कि आप 22 जनवरी को जब अयोध्या में प्रभु राम विराजमान हों तो अपने घरों में भी श्रीराम ज्योति जलाएं, दीपावली मनाएं। शाम पूरे हिन्दुस्तान में जगमग जगमग होनी चाहिए।’
अयोध्या केवल अवध ही नहीं, पूरे यूपी को दिशा देगी
पीएम मोदी ने कहा कि प्राचीन काल में अयोध्या नगरी कैसी थी, इसका वर्णन वाल्मीकि जी ने विस्तार से किया है। उन्होंने लिखा है कि महान अयोध्या पुरी धन धान्य से परिपूर्ण थी। समृद्धि के शिखर पर थी। यहां पर विज्ञान और वैराग्य था ही, वैभव भी शिखर पर था। अयोध्या नगरी की उसी पुरातन पहचान को आधुनिकता से जोड़कर वापस लाना है। आने वाले समय में अयोध्या नगरी केवल अवध क्षेत्र ही नहीं पूरे यूपी को दिशा देने वाली है।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में श्रीराम का भव्य मंदिर बनने के बाद यहां आने लोगों की संख्या में बहुत ज्यादा वृद्धि होगी। इसका ध्यान रखते हुए विकास कार्य हो रहे हैं। अयोध्या स्मार्ट बन रही है। सड़कों का चौड़ीकरण हो रहा है। नए फ्लाईओवर बन रहे हैं। नए पुल बन रहे हैं। आसपास के जिलों से जोड़ने के लिए यातायात के साधनों को जोड़ा जा रहा है।
पीएम मोदी ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि अयोध्या एयरपोर्ट का नाम महर्षि वाल्मीकि के नाम पर रखा गया है। वाल्मीकि ने हमें रामायण से श्रीराम के कृतित्व से परिचित कराया है। महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण वह ज्ञान मार्ग है, जो हमें श्रीराम से जोड़ती है। अभी पहले चरण में एयरपोर्ट पर हर साल दस लाख लोगों की क्षमता है। भविष्य में यहां 60 लाख लोग आ जा सकेंगे। इसी तरह रेलवे स्टेशन पर अभी दस हजार लोग रोज आ जा सकते हैं। आगे 60 हजार लोग आ जा सकेंगे। पिछले कुछ समय में देश ने वंदे भारत, नमो भारत ट्रेनें शुरू की थी। अब अमृत भारत ट्रेन शुरू हो रही है। यह सौभाग्य की बात है कि पहली अमृत भारत ट्रेन अयोध्या से चलने जा रही है।’