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अफगानिस्तान संकट : काबुल से जामनगर पहुंचा वायुसेना का सी-17 विमान, भारतीय राजदूत समेत 120 अधिकारी लौटे

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नई दिल्ली, 17 अगस्त। अफगानिस्तान पर इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन तालिबान के कब्जा होने के बाद जहां देश के हालात बेकाबू होते जा रहे हैं वहीं अमेरिका समेत दूसरे देशों की तरह भारत ने भी वहां फंसे अपने नागरिकों को निकालने का अभियान तेज कर दिया है।

इसी क्रम में वायुसेना का सी-17 ग्लोबमास्टर विमान भारतीय राजदूत समेत 120 से अधिक अधिकारियों को लेकर काबुल से गुजरात के जामनगर पहुंच गया है। कर्मचारियों को कल देर शाम हवाई अड्डे के सुरक्षित इलाकों में सुरक्षित पहुंचा दिया गया था। इससे पहले सोमवार को भी सी-17 ग्लोबमास्टर विमान करीब 150 लोगों को लेकर भारत लौटा था।

अमेरिकी बेड़े की मदद से निकाले गए भारतीय

दरअसल, अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए वायुसेना के दो सी-17 ग्लोबमास्टर विमानों को काबुल भेजा गया था। सूत्रों की मानें तो काबुल एयरपोर्ट पर लोगों की भीड़ को देखते हुए वहां विमानों की लैंडिंग नहीं हो सकी थी। इसके बाद ताजिकिस्तान के एक एयरपोर्ट पर विमानों को उतारा गया। फिर अमेरिकी बेड़े की मदद से विमान काबुल पहुंचे। वहां से एक विमान ईरानी वायुक्षेत्र का इस्तेमाल करके करीब 150 लोगों को लेकर सोमवार को हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर उतरा।

कई देशों ने अफगानिस्तान में बंद किए अपने दूतावास

ज्ञातव्य है कि अफगानिस्तान पर तालिबानी नियंत्रण के बाद कई अन्य देशों ने वहां स्थित अपने दूतावास बंद कर दिए हैं। सऊदी अरब ने काबुल में अपने दूतावास से सभी राजनयिकों को निकाल लिया है। न्यूजीलैंड सरकार भी देश से अपने लोगों की निकासी के लिए विमान भेज रही है।

रूस और चीन ने अफगानिस्तान में अपने दूतावास बंद नहीं किए हैं, जबकि अमेरिका अपने दूतावास को बंद करने के साथ ही कर्मचारियों को भी बाहर निकालने में जुटा है। हालांकि तालिबान का समर्थक पाकिस्तान पहले ही कह चुका है कि वह काबुल स्थित अपना दूतावास बंद नहीं करेगा।

काबुल एयरपोर्ट से कमर्शियल फ्लाइट्स की उड़ानों पर रोक

तालिबान के कब्जे के बाद से ही काबुल एयरपोर्ट पर हजारों की संख्या में लोग पहुंचे हुए हैं। काबुल एयरपोर्ट से सभी कमर्शियल फ्लाइट्स को उड़ान भरने से रोक दिया गया है। एयरपोर्ट के अनियंत्रित घोषित होने के बाद एयर इंडिया ने सोमवार को काबुल के लिए संचालित होने वाली अपनी उड़ान रद कर दी। इसके अलावा विभिन्न एयरलाइनों ने अफगानी वायुक्षेत्र से बचने के लिए भारत और पश्चिमी देशों के बीच अपनी उड़ानों का मार्ग भी बदल दिया है।