Site icon hindi.revoi.in

कॉमेडियन कुणाल कामरा पर एक्शन तेज – विधान परिषद में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश

Social Share
FacebookXLinkedinInstagramTelegramWhatsapp

मुंबई, 26 मार्च। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी से विवादों में घिरे स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा जहां एक के बाद एक लगातार तंज भरे पैरोडी वीडियो जारी कर रहे हैं वहीं उनके खिलाफ एक्शन भी तेज तेज हो गया है।

इसी क्रम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता प्रवीण दरेकर ने महाराष्ट्र विधान परिषद में कुणाल कामरा और शिवसेना (यूबीटी) की प्रवक्ता सुषमा अंधारे के खिलाफ बुधवार को विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया। विधान परिषद के नेता दरेकर ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा, ‘कुणाल कामरा ने एक पैरोडी गाना गाया, जिसमें उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के लिए व्यक्तिगत और अपमानजनक टिप्पणियां शामिल थीं।’

दरेकर ने यह भी आरोप लगाया कि सुषमा अंधारे ने उक्त गाने का समर्थन किया और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया, जो सदन की अवमानना ​​है। उन्होंने आरोप लगाया कि कामरा और अंधारे, दोनों ने अपनी टिप्पणियों के जरिये विधायी संस्थाओं की गरिमा का अनादर किया है।

विधानसभा में सुषमा अंधारे के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की नोटिश पेश

वहीं, महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना विधायक रमेश बोरनारे ने अंधारे पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का मजाक उड़ाने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन की नोटिस पेश की। पीठासीन अधिकारी संजय केलकर ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर नोटिस पर फैसला लेंगे।

विपक्ष ने सभापति राम शिंदे के खिलाफ वापस लिया अविश्वास प्रस्ताव

इस बीच, महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष ने बुधवार को सभापति राम शिंदे के खिलाफ अपना अविश्वास प्रस्ताव वापस ले लिया और कहा कि उन्हें उच्च सदन में निष्पक्ष व्यवहार का आश्वासन दिया गया है। विधानमंडल के उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष और शिवसेना (यूबीटी) के विधान परिषद सदस्य अंबादास दानवे ने सभापति कार्यालय को एक पत्र सौंपकर 19 मार्च को पेश किए गए अपने प्रस्ताव को वापस ले लिया।

कामरा ने अब सीतारमण पर कटाक्ष करते हुए जारी किया नया वीडियो

उधर कॉमेडियन कुणाल कामरा ने निर्मला सीतारमण पर कटाक्ष करते हुए एक नया वीडियो जारी किया है और मंत्री को ‘साड़ी वाली दीदी’ कहा है। नए वीडियो में कामरा ने टैक्स के बारे में बात करते हुए कहा है कि कॉरपोरेट कर्मचारी खुद कॉरपोरेट से ज्यादा टैक्स दे रहे हैं, जिसे सरकार ‘देशहित’ के लिए कहती है।

Exit mobile version